आमतौर पर सर्दी जुकाम सर्दीयों के मौसम में ज्यादातर होते हैं। इसके कारण नाक बहना, छींक आना, गले में खराश होना, नाक बंद हो जाना आदि कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चलिए बात करते हैं सर्दी जुकाम किस विटामिन की कमी से होता है? अगर बात करें की जुकाम किस विटामिन की कमी से होता है, तो यह विटामिन डी हो सकता है।
इसका मतलब यह है कि यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो सर्दी जुखाम होने की संभावना रहती है। विटामिन डी की कमी से जुखाम की समस्या आती है। (ये भी पढ़े- सेहत और सुंदरता दोनों में काम आते हैं अमरूद के पत्ते)
इसलिए अगर आपको सर्दी जुखाम बार-बार हो रहे हैं तो सबसे पहले विटामिन डी की मात्रा अपने शरीर में बढ़ाइए। ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें विटामिन डी की भरपूर मात्रा हो। ऐसा करने से बार-बार होने वाले सर्दी जुखाम की परेशानियों से बचे रहेंगे।
आयुर्वेद में हर चीज की कोई ना कोई फायदे जरूर होते हैं, वैसे ही छोटी हरड़ है। इस लेख के माध्यम से छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान (Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan) और इससे जुड़ी सारी बातें जानेंगे। हमारी रसोई में रखी हुई यह चीज इतनी बीमारियों को ठीक कर सकती है आप सोच भी नहीं सकते। दिखने में भले ही छोटी ही क्यों ना हो लेकिन छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde) बड़े हैं। हरड़ कई प्रकार की होती हैं इस लेख में छोटी हरड़ के फायदे व नुकसान, इसकी तासीर क्या है, इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसके औषधि गुण क्या है, कौन इसे खा सकता है और कौन नहीं।
इससे जुड़ी सारी जानकारियां इस लेख में मिलेंगे तो बने रहीए इस लेख के साथ। छोटी हरड़ के फायदे नुकसान जानने से पहले चलिए बात करते हैं छोटी हरड़ क्या और कैसी होती है?
छोटी हरड़ क्या और कैसी होती है?- Chhoti Harad Kya Aur Kaisi Hoti Hai?
आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है, हरड़ के पेड़ पर लगने वाला एक फल होता है जो आयुर्वेद चिकित्सा के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। यह 1 से 2 इंच लंबा और रंग में काला होता है। हरड़ को हरीतकी नाम से भी जाना जाता है और अंग्रेजी में चेबुलिक मॉयरोबालान (Chebulic myrobalan). इसका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। हरड़ के फल में गुठली पैदा होने से पहले ही तोड़कर सुखा लिया जाता है या फिर गुठली पैदा होने से पहले ही पेड़ से फल नीचे गिर जाते हैं, उन्हें छोटी हरड़ कहा जाता है।
छोटी हरड़ के उपयोग से कई तरह के सेहत लाभ मिलते हैं। यह आकार में छोटी और लंबी होती है सूखने के बाद इसका रंग काला हो जाता है। लेकिन आप इसकी छोटेपन पर मत जाइए यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। हरड़ कई प्रकार की होती है तो चलिए बात करते हैं हरड़ के प्रकार के बारे में।
हरड़ कितने प्रकार की होती है- Harad Kitne Prakar Ki Hoti Hai?
हरड़ को हरीतकी के नाम से भी जाना जाता है बात करें इसके प्रजातियों की तो इसके रूप रंग के अनुसार हरड़ की कुल 7 प्रजातियां होती हैं जो इस प्रकार है- 1.रोहिणी, 2.अमृता, 3.अभया, 4.चेतकी, 5.विजया, 6.पूतना और 7.जीवन्ती आदि लेकिन वर्तमान समय में केवल तीन प्रकार की ही मिलती है जिसे लोग हरड़, छोटी हरड़ और बड़ी हरड़ के नाम से जानते हैं। तो ये है हरड़ के प्रजातियां इस लेख में हम छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान (Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan) बारे में बात करेंगे।
चलिए बात करते हैं छोटी हरड़ के औषधीय गुणों के बारे में फिर जानेंगे छोटी हरड़ के फायदे नुकसान के बारे में।
छोटी हरड़ के औषधि गुण- Chhoti Harad Ke Aushadhi Gud.
हरड़ औषधि गुणों वाला पौधा होता है इसकी फल में कई सारे औषधि गुण पाए जाते हैं, जो अकेले ही शरीर के कई बीमारियों का नाश करते है। छोटी हरड़ ना केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि सौंदर्य के लिए भी बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें कई सारे गुण पाए जाते हैं जो खांसी, जुखाम, कब्ज, पीलिया, बवासीर, पेट साफ करना, पाचन शक्ति, एलर्जी, आंखों की रोशनी, सूजन, दांत दर्द, बालों के लिए, थकान दूर करना, वजन घटाने में मददगार, यौनशक्ति के लिए, मुंह के छाले, मुंह में सूजन, आदि से लेकर शरीर के कई छोटी-बड़ी बीमारियों को ठीक करने का गुण इसमें मौजूद होता है।
तो चलिए बात करते हैं उस विषय पर जिसके लिए आप अभी तक लेख पर बने हुए हैं जी हां छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde) के बारे में-
छोटी हरड़ के फायदे- Chhoti Harad Ke Fayde.
इसके छोटी होने पर मत जाइए छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde) अनेक हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग अलग-अलग तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। छोटी हरड़ का उपयोग पेट की समस्या, एलर्जी, आंखों की रोशनी बढ़ाने से लेकर कई बीमारियों में काम आता है। तो चलिए बारी बारी से छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde) के बारे में जानते हैं और यह किन किन बीमारियों में उपयोगी होती है-
1- त्वचा रोगों में फायदेमंद
छोटी हरड़ में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो त्वचा रोगों से लड़ने में मदद करते हैं और त्वचा को एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करते हैं इसके लिए छोटी हरड़ के फल का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। दो कप पानी में छोटी हरड़ के फल को अच्छे से उबाले काढ़ा बनने के बाद नियमित रूप से दिन में दो बार इसका सेवन करने से त्वचा रोग में फायदा मिलता है।
पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए छोटी हरड़ बहुत ही कारगर औषधि मानी जाती है। यह अपच की समस्या को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। इसके लिए छोटी हरड़ के चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति अच्छी होती है।
3- एलर्जी रोकने में मददगार
एलर्जी की समस्या को से निजाद पाने के लिए इसका काढ़ा बहुत ही गुड़कारी होता हैं। हरड़ एलर्जी की रामबाण औषधि मानी जाती है। इसके उपाय के तौर पर हरड़ के फल को पानी मे उबालकर काढा बना ले इसको दिन में 2 बार पीने से एलर्जी की समस्या बहुत जल्दी ही ठीक हो जाती है। इस काढ़े से एलर्जी वाले जगह को धो के से भी फायदा होता है।
4- आंखों की रोशनी में वृध्दि
हरड़ आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। आंखों के सारे विकारों को दूर करती है और रोशनी बढ़ाने में भी मदद करती हैं। इसके लिए हरड़ को पीसकर आंखों के आसपास लगाने से ना केवल आंखों की रोशनी अच्छी होती है, बल्कि आंखों से संबंधित अन्य परेशानियां भी दूर होती हैं।
5- मुँह का सूजन कम करे
शरीर में घाव भरने के साथ-साथ सूजन को भी कम करने में मदद करता है। यदि सूजन मुंह में हो गई है तो इसके लिए हरड़ के पानी से गरारे करने पर लाभ होता है। इससे मुंह का सूजन और यदि दर्द है तो दोनों ही ठीक हो जाते हैं।
6- दांत दर्द से छुटकारा
यदि दांतों में दर्द हो तो हरड़ का चूर्ण इस दर्द को जल्द ही ठीक कर सकता है। इसके लिए छोटी हरड़ के चूर्ण को दांत दर्द वाले हिस्से पर लगाएं दांत दर्द होना जल्द ही बंद हो जाएगा।
हरड़ बालों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं यह बालों को मजबूत, चमकदार, घना और मुलायम बनाते हैं बालों के पूरे सेहत का ख्याल रखने में मदद करते हैं। इसके लिए नारियल के तेल में छोटी हरड़ के चूर्ण को डालकर गर्म करें ताकि छोटी हरड़ के सारे गुण तेल में मिल जाएं इसके बाद तेल को बालों में अच्छी तरह से लगाएं बाल जब सूख जाए तो धो ले बालों में चमक आएगी।
कब्ज से राहत दिलाने में हरड़ का पल्प बड़ा ही गुणकारी माना जाता है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इस पल्प को चुटकी भर काले नमक के साथ सेवन करना चाहिए या फिर इस पल्प को 1 ग्राम लोंग या फिर दालचीनी के साथ सेवन करने से कब्ज से राहत मिलता हैं।
9- वजन घटाने में लाभदायक
छोटी हरड़ का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। क्योंकि इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को सुधारने में और चर्बी पिघलाने में मदद करते हैं जिससे वजन तेजी के साथ घटने लगता है।
10- शरीर में सूजन और घाव को ठीक करे
एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण होने की वजह से शरीर में कहीं भी सूजन हो उसे कम करने में फायदेमंद होता है। इसके लिए या फिर हरड़ के चूर्ण को पानी के साथ सेवन किया जा सकता है या फिर नहाने के पानी में 15 मिनट पहले हरड़ डालकर छोड़ दें और फिर नहा ले इससे घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है।
11- मुंह के छाले से राहत दिलाए
मुंह के छालों को जल्दी ठीक करने के लिए छोटी हरड़ बहुत ही उपयोगी मानी जाती है। यदि छोटी हरड़ को घिसकर मुंह के छालों पर लगाया जाए तो इससे बहुत ही जल्द आराम मिल जाता है।
14- बवासीर में छोटी हरड़ के फायदे
बवासीर एक ऐसी समस्या है जो पाचन शक्ति सही से काम ना करने की वजह से होती है। ऐसे में छोटी हरड़ बहुत ही फायदेमंद होती है क्योंकि ये पाचन शक्ति को मजबूत बनाती हैं इसके अलावा इसमें लैक्सेटिव गुण भी पाया जाता है जो बवासीर से निजात दिलाने में फायदेमंद होता है और साथ ही साथ पेट से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर करता है।
15- दस्त की छुट्टी करे
दस्त में छोटी हरड़ का कच्चा फल बड़ा ही फायदेमंद माना जाता है। यह दस्त से बहुत जल्द हीं राहत दिला सकता है। इसके लिए हरड़ के कच्चे फल का चटनी बनाकर सेवन करना चाहिए इस चटनी को दिन में दो से तीन बार रोजाना नियमित रूप से सेवन करें इससे दस्त में जल्दी आराम मिल जाता है।
16- मसूड़े में सूजन को ठीक करे
किसी कारणवश मसूड़ों में सूजन आ गई हो तो छोटी हरड़ इसे छुटकारा दिलाने में काफी मदद करती हैं। मसूड़ों की सूजन से छुटकारा पाने के लिए हरड़ के लेप को छाछ में मिलाकर गरारे करना चाहिए इससे मसूड़ों में सूजन और दर्द दोनो से राहत मिलती है।
17- फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा
छोटी हरड़ फंगल इंफेक्शन के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है यानी दाद, खाज, खुजली का छुट्टी कर देती है इसके लिए हरड़ के पाउडर में हल्दी मिलाकर फंगल इन्फक्शन वाले स्थान पर लेप करना चाहिए इससे फंगल इंफेक्शन जल्दी ही ठीक हो जाता है।
18- पेट की गैस से राहत
हरड़ का चूर्ण का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है जिससे पेट से जुड़ी सारी समस्याएं भी दूर होती हैं। ऐसे में पेट की गैस से भी निजात पाया जा सकता है इसके लिए हरड़ के चूर्ण को पानी के साथ सेवन करना चाहिए
19- पुरुषो में यौनशक्ति बढ़ाए
छोटी हरड़ के चूर्ण का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है जिससे यौनशक्ति बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए लगातार 1 महीने तक हरड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए जिससे शारीरिक दुर्बलता दूर होगी और दिन भर शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी।
20- पेट साफ रखने असरदार
हरड़ का चूर्ण शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं। पाचन शक्ति को मजबूत बनाकर पेट संबंधित सारी बीमारियों को ठीक करता है। इसके सेवन से पेट साफ करने में सहायता मिलती है। इसके लिए रात को गर्म दूध या पानी के साथ छोटी हरड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
हरड़ का चूर्ण शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देते हैं यानी इसके सेवन से शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा मिलती है यदि आपको जल्दी थकान होती है तो छोटी हरड़ के चूर्ण को लगातार एक महीने तक सेवन करें इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और जल्दी थकान नहीं होगी।
22- खांसी में फायदेमंद
छोटी हरड़ में बलगम, खांसी को दूर करने वाला गुण पाया जाता है जो खांसी की समस्या को दूर करने में मदद करता है इससे गले में खराश और खांसी, जुकाम की समस्याएं जल्दी ठीक होती है।
23- अस्थमा का उपचार
छोटी हरड़ में मौजूद एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण अस्थमा से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, क्योंकि अस्थमा सांस लेने वाले अंग में सूजन होने के कारण होता है और यह शरीर में कहीं भी सूजन हो उसे कम करने मैं मदद करता है। इस तरह से अस्थमा से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
24- थकान मिटाए
छोटी हरड़ के चूर्ण का लगातार सेवन करने से थकावट महसूस नहीं होती शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और दिन भर आप ताजा महसूस करते हैं क्योंकि हरड़ शक्तिवर्धक माना जाता है जो शरीर में ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है।
25- एसिडिटी का घरेलू इलाज
यह अपच की समस्या को ठीक कर पाचन शक्ति मजबूत बनाता है और पेट से जुड़ी सारी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए रात को खाना खाने के बाद छोटी हरड़ के चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है।
छोटी हरड़ की तासीर कैसी होती है- Chhoti Harad Ki Tasir Kaisi Hoti Hai?
छोटी हरड़ हो या बड़ी सबकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसका उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में गर्मी पैदा कर सकती हैं। गर्मियों के मौसम में इसका उपयोग चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। गर्म तासीर होने के साथ-साथ यह शरीर के कई बीमारियों को ठीक करने में भी काफी फायदेमंद होती है। लेकिन इसका ये मतलब नही की इसे कोई भी किसी भी तरह उपयोग किया जा सकता है।
छोटी हरड़ कहां पाई जाती है- Chhoti Harad Kha Pai Jati Hai?
हरड़ का एक बड़ा पेड़ होता है जो हिमालय की पहाड़ियों और रावी तट लेकर पूर्व बंगाल तथा आसाम के क्षेत्रो में पाया जाता है। यह पहाड़ों पर लगभग पांच हजार फीट की ऊंचाई पर उगते हैं और जंगली क्षेत्रों में भी पाया जाता है। हिंदी में इसे हरड़ और हर्रे के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में इसके फल का उपयोग किया जाता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाला यह एक बड़ा पेड़ होता है जिसकी लंबाई लगभग 60 से 80 फिट तक होती है। इस पौधे की छाल गहरे भूरे रंग की होती हैं और इसकी पत्तियां वासा के पत्र के जैसी होती हैं जो 7 से 20 सेंटीमीटर लंबी और डेढ़ से 2 इंच चौड़ी होती हैं। इस पौधे पर छोटे- छोटे फूल होते हैं और इसका फल अंडाकार होता है जो लगभग 2 से 3 इंच लंबा होता है। इसके कच्चे फल हरे रंग के होते हैं और पकने के बाद पीले धूमिल हो जाते हैं। सर्दियों के मौसम में इसके फल आते हैं और प्रत्येक फल में एक बीज होती है।
छोटी हरड़ की पहचान-जो फल गुठली आने से पहले पेड़ से गिर जाते हैं या फिर तोड़ कर सुखा लिया जाता है उन्हें ही छोटी हरड़ कहा जाता है।
नोट- उम्मीद करता हूं आपके सारे सवालों- छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान (Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan), छोटी हरड़ के फायदे (Chhoti Harad Ke Fayde), छोटी हरड़ के फायदे नुकसान, छोटी हरड़ के फायदे व नुकसान, कितने फायदे है, कहा पाई जाती है, तासीर क्या है आदि के जवाब मिल गए होंगे।
Frequently Asked Questions (FAQ)
Q1- छोटी हरड़ क्या काम आती है?
Ans- छोटी हरड़ आयुर्वेदिक औषधियो के रूप में कई बीमारियों के उपचार में काम आती है, इससे पेट, आँख, सूजन, मुह के छाले, बवासीर, शरीरिक कमजोरी से लेकर त्वचा रोग जैसे फंगल इंफेक्शन तक और इनसे संबंधित सारी दिक्कतों को ठीक करती है।
Q2- छोटी हरड़ की तासीर क्या है?
Ans- छोटी हरड़ हो या बड़ी सभी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे गर्मियों के मौसम में या कुछ विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उपयोग करना चाहिए।
Q3- छोटी हरड़ और बड़ी हरड़ में क्या अंतर है?
Ans- जो फल गुठली आने से पहले गिर जाते हैं या फिर तोड़कर सुखा लिया जाता है, उन्हें छोटी हरड़ कहते है। और जो फल पकने के बाद गिरते हैं या फिर तोड़ा जाता है उन्हें बड़ी हरड़ कहां जाता हैं
Q4- छोटी हरड़ का सेवन कैसे करें?
Ans- छोटी हरड़ का सेवन 3 तरीको से किया जा सकता है पहला- चूर्ण के रुप में, दूसरा- काढ़ा के रूप में और तीसरा- लेप बनाकर।
Q5- कब्ज के लिए कौन सी हरड़ अच्छी है?
Ans- कब्ज के लिए सभी हरड़ अच्छी होती हैं। कब्ज की शिकायत दूर करने के लिए छोटी हरड़ के चूर्ण को 4 से 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए या फिर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
Q6- क्या हम दूध के साथ हरड़ ले सकते हैं?
Ans- जी हां बिल्कुल हरड़ के चूर्ण को गर्म दूध के साथ रात के समय सोने से आधा घंटा पहले लिया जा सकता है इससे पाचन सुधरता है साथ ही साथ पेट से जुड़ी सारी बीमारियां दूर होती हैं।
Q7- छोटी हरड़ का चूर्ण कैसे बनाते हैं?
Ans- छोटी हरड़ के फल को धूप में अच्छे से सुखाएं जब सूखकर कड़क हो जाए तब इसको पीसकर चूर्ण बना ले इस तरीके से हरड़ का चूर्ण बनाया जाता है।
Q8- छोटी हरड़ खाने से क्या होता है?
Ans- छोटी हरड़ खाने से शरीर की लगभग आधी बीमारियां दूर हो जाती हैं पेट से संबंधित सारी दिक्कतों को दूर करता है, साथ ही साथ शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है, सूजन, बवासीर, दांत दर्द, वजन घटाना, बालों के लिए और फंगल इन्फेक्शन तथा त्वचा संबंधित बीमारियों में लाभ होता है।
Q9- छोटी हरड़ क्या होता है?
Ans- हरड़ के फल में गुठली आने से पहले जो फल तोड़ लिए जाते हैं या फिर पेड़ से गिर जाते हैं उन्हें ही छोटी हरड़ कहा जाता है इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है।
Q10- त्रिफला चूर्ण खाने से क्या लाभ होता है?
Ans- त्रिफला चूर्ण खाने से कई सारे फायदे मिल सकते हैं लेकिन इसका सबसे मुख्य लाभ पेट से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर करने में मिलता है। खासतौर पर पाचन सुधार कर पेट साफ रखने में मदद करता है।
Q11- खांसी के लिए आप हरड़ का उपयोग कैसे करते हैं?
Ans- खांसी, जुखाम को ठीक करने के लिए आप हरड़ का एक छोटा टुकड़ा लेकर चबा सकते हैं इससे सूखी खांसी में जल्दी आराम मिल जाता है। ज्यादा टुकड़े नहीं चबाने चाहिए नहीं तो पाचन खराब हो सकता है।
Q12- त्रिफला में किस हरड़ का प्रयोग किया जाता है?
Ans- त्रिफला का अर्थ है तीन फल और इसमें 3 फलों का मिश्रण होता है पहला आंवला, दूसरा बहेड़ा, तीसरा हरीतकी यानी हरड़। त्रिफला में ज्यादातर बड़ी हरड़ का उपयोग किया जाता है।
Q13- हरड़ से वजन कैसे कम करें?
Ans- हरड़ पेट की समस्याओं का काल है इससे पेट साफ रहता है, कब्ज, एसिडिटी की दिक्कत नहीं होती और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है, जिससे वजन घटाने में फायदा मिलता है।
Q14- क्या हरड़ एसिडिटी के लिए अच्छा है?
Ans- जी हां हरड़ एसिडिटी के लिए रामबाण औषधि है मानी जाती है यह पेट की सारी समस्याओं से छुटकारा दिलाती है, पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है जिससे एसिडिटी, कब्ज की समस्या नहीं होती।
Q15- हरड़ का सेवन कब करना चाहिए?
Ans- हरड़ का सेवन सुबह खाली पेट और रात को सोने से आधे घंटे पहले करना चाहिए। इसके काढ़ा का उपयोग दिन में दो बार खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है।
Disclaimer- छोटी हरड़ के फायदे कई सारे हैं साथ ही साथ छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान (Chhoti Harad Ke Fayde Aur Nuksan) भी हैं इसलिए इस लेख में दी गई जानकारी किसी चिकित्सा सलाह का पात्र नहीं है। छोटी हरड़ के फायदे व नुकसान जानने और इसके उपयोग के लिए डॉक्टर से परामर्श लें AYURHEALTHZONE किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी का दावा नहीं करता
ऊचे स्थानों पर उगने वाला ये पौधा औषधि गुणों से भरपूर होता है। इस लेख के माध्यम से Chirata Pine Ke Fayde से संबंधित जानकारीयां मिलेगी। चिरायता के पौधे की लंबाई लगभग 2 से 4 फुट की होती है। इस पौधे की पत्तियां और छाल दोनों ही इतनी कड़वी होती है कि इसे कोइ जानवर भी खाना पसंद नही करते। इस लेख में ना सिर्फ चिरायता पीने के फायदे बल्कि चिरायता पीने के फायदे और नुकसान, औषधि गुण, किन-किन बीमारियों में फायदेमंद, कितने प्रकार के होते है, तासीर क्या है, किसको उपयोग करना चाहिए किसको नही, कहाँ उगता है, सेवन कैसे करे। आदि सारी जानकारी मिलने वाली है।
तो चलिए शुरू करते है, Chirata Pine Ke Fayde जानने से पहले बात करते है- चिरायता क्या है? कितने प्रकार के होते है? और औषधि गुणों के बारे में।
चिरायता क्या है? Chirata Kya Hai?
यूं तो चिरायता ऊचे स्थानों पर उगने वाला 2 से 4 फुट का पौधा होता है मूलरूप से हिमालय की पहाड़ियों में ये पौधा उगता है। आयुर्वेद के अनुसार इसे कई बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है। इस पौधे की जीवन काल की अवधि केवल 1 से 2 वर्षों की होती है। इस पौधे की छाल और पत्तियां बहुत ही ज्यादा कड़वी होती हैं किंतु यह जितना कड़वा होता है स्वास्थ्य के लिए उतना ही फायदेमंद भी है। आयुर्वेद के अनुसार ज्वरनाशक और रक्तशोधक माना जाता है।
यह छोटी बड़ी कई प्रजातियों की होती है जैसे- गीमा, शिलारस, कलपनाथ आदि। अंग्रेजी में (swertia) और दूसरे नामो जैसे- चिरेट्टा और किरात नाम से जाना जाता है। इसके औषधीय गुणों का जिक्र कई देशों के किताबो में देखने को मिलता है जैसे– अमेरिका, यूनान, भारत और ब्रिटिश आदि।
चिरायता कितने प्रकार के होते हैं? Chirata Kitne Prakar Ke Hote Hai?
चिरायता पहाड़ियों में उगने वाला एक छोटा और औषधि गुणों वाला पौधा है। इसकी छोटी बड़ी कई प्रजातियां होती है उनमे से कुछ के नाम ये है– शिलारस, गीमा, कलपनाथ आदि इनके अलावा और भी चिरायता के प्रकार होते है जिनकी सही जानकारी Ayurhealthzone में उपलब्ध नही हो पाई है। चिरायता को मुख्यतः इन्ही तीनो प्रजातियों के नाम से जाना जाता है। ये सभी ही आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग में लाई जाती है। इन जड़ियों के उपयोग से ढ़ेरो सारी बीमारियों का उपचार किया जाता है।
चलिए अब बात करते है चिरायता के औषधीय गुड़ों के बारे में।
चिरायता के औषधि गुण। Chirata Ke Ausadhi Gud.
चिरायता आयुर्वेद की ऐसी औषधि है जिसमें कई सारे औषधि गुण मौजूद होते है। इसे औषधि गुणो का खजाना माना जाता है,जो एक- दो नही बल्कि 30 से भी ज्यादा बीमारियों में लाभदायक होता है। चिरायता में उपस्थित औषधि गुण कुछ इस प्रकार है- डाईजेस्टिव गुण, लैक्सेटिव, एंटीऑक्सीडेंट, एन्टी-इन्फ्लामेट्री, हेप्टोप्रोटेक्टिव, हाइपोग्लाइसेमिक आदि और अन्य गुणो से भरपूर होता है जो- मेटाबोलिज्म, पाचन, भूख, वजन घटाना, लिवर की कार्यक्षमता, बुखार आदि में उपयोगी होता है। और इससे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।
चलिए अब बात करते है उस विषय पर जिसके लिए आप इस लेख पर आए है, चिरायता पीने के फायदे (Chirata Pine Ke Fayde) के बारे में।
चिरायता पीने के फायदे Chirata Pine Ke Fayde.
वैसे तो चिरायता स्वाद में बहुत ही ज्यादा कड़वा होता लेकिन इसके औषधीय गुण और चिरायता पीने के फायदे इसे उतना ही खाश बनाते है। क्योंकि आयुर्वेद की ये अकेली औषधि एक- दो नही कई सारी बीमारियों का नाश करती है और रोगी के पूरे स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करती है। तो चलिए एक- एक करके उन सारी बीमारियों पर बात करते है जिनमे आपको चिरायता पीने के फायदे (Chirata Pine Ke Fayde) मिल सकते है।
1. वजन कम करने में सहायक
वजन को तेजी से घटाने में चिरायता के सूखे पत्ते काफी फायदेमंद होते है क्योंकि ईसमें फाइबर और जरूरी पोषक तत्व उपस्थित होते है जो पाचन क्रिया को स्वस्थ और बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने में मदद करते है। इसके उपयोग से मेटाबॉलिज्म की क्रिया तेज होती है जो चर्बी पिघलाने की प्रक्रिया को और तेज कर देता है। जिससे मोटापा तेजी से घटने में मदद मिलती है। इसके लिए आप चिरायता के सूखे पौधे का काढ़ा बनाकर उपयोग कर सकते है।
2. ब्लड शुगर कंट्रोल करे
चिरायता ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में बहुत ही फायदेमंद माना जाता है इसका कड़वा स्वाद रक्त में शर्करा को कंट्रोल करने में मदद करता है। चिरायता में अमारोगेंटिन (Aamarogentin) कंपाउंड मौजूद होता है यह कंपाउंड एंटी डायबिटीज का प्रभाव दिखाता है और इसीलिए माना जाता है कि चिरायता ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
3. लिवर संबंधी विकार में फायदेमंद
चिरायता का उपयोग लिवर की सफाई के लिए भी किया जा सकता है। चिरायता का पानी पीने से लीवर की सारी गंदगी बाहर निकल जाती है। लीवर संबंधित बीमारियों में चिरायता का उपयोग कई वर्षों से होता चला आ रहा है। चिरायता में हैपेटॉप्रोटेक्टिव (Heptoprotective) गुण मौजूद होने के कारण यह लीवर संबंधित सारी बीमारियों को रोकने में मदद करता है जैसे हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस बी और सी आदि।
4. त्वचा रोगों में लाभकारी
चिरायता में हीलिंग गुण पाया जाता है जो घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। इसके लिए चिरायता की पत्तियों का लेप घाव वाले स्थान पर करना बेहद फायदेमंद और असरदार होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण सूरज की किरणों की दुष्प्रभाव और एजिंग को कम करने में मदद करता है। चिरायता त्वचा को निखारने में काफी सहायक माना जाता है। इसके उपयोग से ना केवल त्वचा में निखार आता है, बल्कि त्वचा संबंधित रोगों में लाभ मिलता है
5. मस्तिष्क के लिए फायदेमंद
चिरायता में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो चिंता और तनाव को दूर करने में मदद करते हैं। इसके उपयोग से मस्तिष्क की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है, दिमाग को शांत करता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को भी ठीक करने में काफी फायदेमंद होता है। यह एक ऐसी मेटाबोलाइट का उत्पादन करता है जो तनाव और चिंता को कम करने में फायदेमंद होते है।
6. बुखार, खांसी, जुखाम के लिए
खांसी, जुकाम, बुखार इन सभी में चिरायता पीने के फायदे मिल सकते हैं। क्योंकि ये परेशानियां वायरल इंफेक्शन के कारण होती है और चिरायता में मौजूद एंटी वायरल गुड इन सारी दिक्कतों से छुटकारा दिलाने में बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। खांसी, बुखार, जुखाम इन सबसे चिरायता की जड़ राहत दिला सकता है। यही नहीं कोरोना की वजह से खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिख रहा है तो भी चिरायता का उपयोग किया जा सकता है।
7. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं
चिरायता इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है यानी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद होता है। चिरायता में मैग्निफेरिन (Mangiferin) बायोएक्टिव नामक कंपाउंड पाया जाता है। इसकी मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के जरूरत के अनुसार कार्य कर सकता है।
8. नाक, कान से खून बहने में फायदेमंद
नाक या कान से खून बह रहा हो तो ऐसे में आपको चिरायता पीने के फायदे मिल सकते हैं इसके लिए 2 से 4 ग्राम की मात्रा में चिरायता के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
9. एनीमिया की शिकायत दूर करें
आयुर्वेदिक औषधि के रूप में चिरायता का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। इसका उपयोग खून की कमी को पूरा करने के लिए भी किया जाता है। चिरायता के पत्तियों में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं जो शरीर में खून बनाने में फायदेमंद होते हैं। इससे एनीमिया की दिक्कत भी दूर होती है इसलिए एनीमिया के घरेलू उपचार के लिए चिरायता का उपयोग किया जा सकता है।
10. कुबड़ापन का उपचार घरेलू उपचार
चिरायता आयुर्वेद की इतनी कारगर औषधि है कि यह कुबड़ेपन का भी इलाज कर सकती है। इसके लिए चिरायता को पीसकर इसमें शहद मिलाएं और गर्म करके कुबड़ेपन वाले स्थान पर लेप करें ऐसा रोजाना करने से लाभ मिल सकता है।
11. पाचन क्रिया को सुधारें
चिरायता की जड़ और पत्तियों में अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है यह फाइबर आंतों को मजबूत और उसे साफ करने में भी मदद करता है। साथ ही साथ यह पाचन क्रिया को सुधारने में काफी फायदेमंद होता है यदि इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन किया जाए तो पाचन क्रिया में बहुत लाभ होता है। इसकी कड़वाहट शरीर में लार को उत्तेजित करके अपच की समस्या को दूर करने में मदद करता है, जिससे पाचन शक्ति मजबूत होती है।
चिरायता को रक्तशोधक माना जाता है इसका उपयोग ना केवल रक्त की वृद्धि में बल्कि रक्त की सफाई में भी किया जा सकता है। खून की सफाई के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में चिरायता की गुणों का उपयोग किया जाता है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चिरायता में कौन से गुण है जो रक्तशोधक का काम करते हैं परंतु इसका कड़वापन रक्त की सफाई करते हैं और इससे होने वाली बीमारियो को रोकने में मदद करते हैं।
13. भूख बढ़ाए में मददगार
चिरायता के गुणों का उपयोग भूख बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। एक रिसर्च के अनुसार चिरायता का उपयोग करने से शरीर में पित्त के स्राव को बढ़ाया जा सकता है, जो भूख बढ़ाने में फायदेमंद माना जाता है। चिरायता के इन्हीं गुणों के कारण आयुर्वेदिक औषधियों में इसका उपयोग वर्षों से भूख बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
14. मलेरिया, टाइफाइड का इलाज
प्राचीन समय से ही इस जड़ी बूटी का उपयोग मलेरिया और टायफॉइड के इलाज में भी होता चला आ रहा है। चिरायत को ज्वारनाशक नाम से जाना जाता है। चिरायता में स्वेरचिरिन (Swerchirin) नामक यौगिक मौजूद होता है, जो मलेरिया के विपरीत कार्य करता है और इस बीमारी के प्रभाव को नष्ट करने में मदद करता है। साथ ही साथ मलेरिया से जुड़े लक्षणों को भी खत्म करता है।
15. आंखों को स्वस्थ बनाए
विटामिन सी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी में आई कमजोरी को भी दूर करने में मदद करता है। ऐसे में चिरायता का सेवन करना रोगी को आंखों से संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। क्योंकि चिरायता में बहुत ही अच्छी मात्रा में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। इसलिए आंखों के विकार के लिए चिरायता का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
16. पेट के कीड़े को मारे
चिरायता में एंटीपैरासाइटिक गुण पाया जाता है जो एंथेल्मिंटिक (Anthelmintic) प्रभाव दिखाता है जिससे आंतों और पेट में पैदा होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद करता है। यही वजह है कि पेट के कीड़ों को मारने के लिए इस औषधि चिरायता का उपयोग किया जाता है।
17. जोड़ों का दर्द ठीक करे
चिरायता का उपयोग अर्थराइटिस जिसे गठिया के नाम से जाना जाता है और इस बीमारी से भी निजात पाया जा सकता है। क्योंकि इसमें स्वेरटियामारिन (Swertiamarin) नामक एक कंपाउंड पाया जाता है। जो अर्थराइटिस के विपरीत प्रभाव दिखाता है और इससे निजात दिलाने में फायदेमंद होता है। यही कारण है कि गठिया जैसी बीमारी में चिरायता पीने की सलाह दी जाती है।
चिरायता ना केवल छोटी बीमारियों का इलाज करता है बल्कि यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का भी उपचार कर सकता है क्योंकि चिरायता में अमारोगेंटिन (Amarogentin) नामक एक कंपाउंड मौजूद होता है जो कैंसर के प्रभाव को नष्ट करता है और कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकता है जिससे कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। चिरायता कैंसर का पूरा इलाज नहीं है यह केवल उस के खतरे को कम कर सकता है इसलिए कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
19. हिचकी में फायदेमंद
ऐसा माना जाता है कि चिरायता की कड़वाहट लार को उत्तेजित करके हिचकी को रोकने में मददगार होता है। एक रिसर्च के मुताबिक चिरायता में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हिचकी को ठीक करने में सहायक होते हैं चिरायता का कड़वा स्वाद हिचकी का नाश करने में मदद करता है।
20. उल्टी को रोके
चिरायता का उपयोग उल्टी को रोकने में भी किया जा सकता है इसके लिए चिरायता और बराबर मात्रा में शहद दोनों को मिलाकर सेवन करने से उल्टी रोका जा सकता है यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उल्टी में कैसे फायदेमंद है।
21. कब्ज से छुटकारा
चिरायता में फाइबर की मौजूदगी होने के कारण यह पेट से संबंधित सारी दिक्कतों को दूर करने में मददगार होता है फाइबर होने की वजह से आते साफ और मजबूत होती हैं पाचन क्रिया सुधरती है जिससे कब्ज की दिक्कत दूर हो जाती है।
22. सोरायसिस का उपचार
चिरायता सोरायसिस के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है। सोरायसिस को जड़ से खत्म करने के लिए चिरायता पीने की सलाह दी जाती है। इसके लिए 4 ग्राम चिरायता, 4 ग्राम कुटकी दोनों को आधा गिलास पानी में मिलाकर रात भर छोड़ दें सुबह इस पानी को छानकर पी लें और 3 से 4 घंटे कुछ ना खाएं। लगातार 2 हफ्ते तक करने से सोरायसिस में लाभ मिलता है।
23. पेचिश में चिरायता पीने के फायदे
पेचिश में भी चिरायता पीने के फायदे मिल सकते हैं इसके लिए 2 से 4 ग्राम चिरायता का चूर्ण ले उसमें दोगुनी मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से पेचिश से भी निजात पाया जा सकता है। यह एक औषधि कई बीमारियों का नाश करने में फायदेमंद होती है।
24. आंतों के लिए लाभदायक
जैसा की आपने जान लिया चिरायता में एंटी-एक्सीडेंट एन्टी-इन्फ्लामेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के साथ-साथ बहुत ही अच्छी मात्रा में फाइबर भी उपस्थित होता है। जो पेट की सारी समस्याओं को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। आंतों के सभी विकार के लिए फाइबर बहुत अच्छा माना जाता है इसलिए आंतों की विकार में चिरायता पीने की सलाह दी जाती है।
25. ब्लोटिंग में फायदेमंद
चिरायता ब्लाटिंग की समस्याओं में मददगार होता है क्योंकि यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और खाने को सही तरीके से पचने में मदद मिलती है इस प्रकार ब्लाटिंग की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
26. पीलिया में फायदेमंद
चिरायता का काढ़ा बनाकर पीने से पीलिया में फायदा मिलता है। इसके लिए गिलोय, नीम की छाल, कुटकी, चिरायता की पत्तियां, त्रिफला और अडूसा इन सबका काढ़ा बनाकर 15 से 20 मिलीलीटर में शहद मिलाकर रोजाना नियमित रूप से सेवन करने से पीलिया में भी फायदा होता है।
27. चर्म रोग नियंत्रित करे
चर्म रोग जिसका इलाज थोड़ा मुश्किल होता है ऐसे में चिरायता चर्म रोग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके उपचार के लिए केशर, नीलकमल, बहेड़ा, मुलेठी, नागकेशर, लोध्र, चन्दन, दुरालभा, सोंठ, कमल आदि सभी को लेकर चूर्ण बना ले। इसमें से 25 ग्राम की मात्रा में ले उसे 200 मिलीलीटर पानी में उबालें जब पानी आधा का आधा रह जाए तो 10 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से चर्म रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।
28. सूजन को कम करने में सहायक
1.बराबर मात्रा में सोंठ और चिरायता का चूर्ण मिला ले 2 से 4 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से सूजन में लाभ होता है।
2. बिम्बि के रस में चिरायता और सोंठ मिलाकर सूजन वाले स्थान पर लेप करने से सुजन में राहत मिलती है।
29. खूनी बवासीर में लाभकारी
चिरायता का चूर्ण खूनी बवासीर का रामबाण इलाज हो सकता है। इसके लिए नागरमोथा, दारूहल्दी, घमासा और चिरायता के चूर्ण को बराबर बराबर मात्रा में मिलाकर इस चूर्ण में से 2 से 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
30. पेट दर्द से राहत दिलाए
यह तो आप जानते ही है कि चिरायता पेट से संबंधित समस्याओं में राहत दिलाने में फायदेमंद होता है इसी प्रकार पेट दर्द में भी चिरायता बड़े ही फायदेमंद है। इसके लिए एरंण्ड और चिरायता की जड़ को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना ले इस काढ़ा में से 15 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से लाभ होता है।
चिरायता पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाला एक छोटा सा पौधा है, इसका उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेदिक दवा और घरेलू उपचार के रूप में होता चला आ रहा है, चिरायता के पौधे के यह कुछ पहचान है–
इसका स्वाद कड़वा और ठंढा होता है
इसके जीवन काल की अवधि 1 साल होती है।
लंबाई लगभग 2 से 4 फुट और सीधा पौधा होता है।
चिरायता के पौधे में अनेक शाखाएं होते हैं।
इसके तनो का रंग जामुनी नारंगी होता है।
इसके पत्ते 8 से 10 सेंटीमीटर लंबे और डेढ़ से 2 सेंटीमीटर चौड़ी होते है।
पौधे में नीचे के पत्ते बड़े और चौड़े होते हैं तथा ऊपर की पत्तिया छोटी और नुकील।
पौधों में अनेक फूल लगते हैं जो हरे पीले रंग के होते हैं अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग रंगों के फूल आते हैं।
इसके फल अंडाकार और बीज बहुत सारी होते हैं।
अगस्त से नवंबर के बीच में इसके फूल और फल आते हैं।
चिरायता की तासीर कैसी होती है। Chirata Ki Tasir Kaisi Hoti Hai?
चिरायता का स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन इसकी तासीर ठंडी होती है। क्योंकि यह ठंडी पहाड़ियों पर उगता है और इसकी ठंडी तासीर होने की वजह से यह पेट के लिए और पेट से जुड़ी सारी समस्याओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि इसका सेवन करने से पेट को ठंडक मिलती है जिससे पाचन क्रिया स्वस्थ होती है और अन्य विकार दूर होते हैं।
चिरायता का सेवन कैसे करें? Chirata Ka Sevan Kaise Kare?
चिरायता का सेवन करना आपके रोग पर निर्भर करता है। वैसे आप चिरायता का सेवन कई प्रकार से कर सकते हैं जैसे चिरायता की जड़ को दूध में मिलाकर पी सकते हैं या फिर इसका चाय बना कर दिया पी सकते हैं। यदि आप चिरायता का पानी पीते हैं तो यह पूरे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। चिरायता का पानी बनाने के लिए एक कप पानी में चिरायता डालकर तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा का आधा बचे। इसके बाद इसे छानकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद पी सकते हैं कुछ स्थितियों में सुबह खाली पेट पिया जा सकता है।
चिरायता कौन-कौन सी बीमारियों में काम आता है? Chirata Kin Bimariyo Me Kam Aata Hai?
आपने ऊपर देख लिया है कि चिरायता कितनी बीमारियों में काम आता है फिर भी आपको बता दें कि चिरायता शरीर के लगभग सारे बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए लाभदायक औषधि मानी जाती है। पेट, त्वचा, जोड़ों का दर्द, उल्टी, बुखार, जुखाम, मस्तिष्क, पीलिया, एनीमिया, पाचन, प्रतिरोधक क्षमता, पेचिश, लीवर संबंधित विकार से लेकर शरीर के कई बड़ी बीमारियां जैसे कैंसर में भी काम आ सकता है। इसके अलावा अन्य कई बीमारियों में लाभदायक माना जाता है।
चिरायता का उपयोग। Chirata Ka Upyog.
चिरायता का उपयोग पारंपरिक तौर से आयुर्वेदिक औषधियों में शरीर के सभी प्रकार के बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। सवाल यह है कि चिरायता के किस हिस्से का उपयोग कर सकते हैं? आयुर्वेदिक औषधि के रूप में चिरायता की जड़ और उसके पौधे दोनों का ही उपयोग किया जा सकता है। चिरायता का पूरा पौधा यहां तक कि उसकी पत्तियां भी औषधि गुणों से भरपूर होती है। चिरायता के पत्तों का जूस बनाकर भी पीया जा सकता है।
चिरायता कहां उगाया या पाया जाता है? Chirata Kha Ugaya Jaata Hai?
चिरायता मूल रूप से हिमालय की पहाड़ियों में उगने वाला छोटा सा पौधा है। यह कश्मीर की पहाड़ियों से लेकर अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों तक दस हजार फीट की ऊंचाई पर उगता है। नेपाल को चिरायता का मूल उत्पादक देश माना जाता है, क्योंकि सबसे ज्यादा चिरायता नेपाल की पहाड़ियों में ही उगता है। यह बर्फीले ठंडी पहाड़ियों में उगने के कारण इसकी तासीर ठंडी होती है। चिरायता को दक्षिण भारत के पहाड़ियों में उगाने का प्रयास किया जाता है एक शब्द में कहें तो यह पौधा पहाड़ी क्षेत्रों में उगता है या पाया जाता है।
चिरायता का काढ़ा पीने के फायदे। Chirata Ka Kadha Pine Ke Fayde.
जिस प्रकार चिरायता का सेवन करना या फिर चिरायता का पानी पीना फायदेमंद होता है। ठीक वैसे ही चिरायता का काढ़ा बनाकर पीना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका काढ़ा बनाने के कई तरीके हो सकते हैं चलिए बात करते हैं इसके काढ़ा पीने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं–
त्वचा के विकारों में फायदेमंद होता है।
दिमाग संबंधित समस्याओं में लाभकारी।
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
लीवर का विकार दूर करके लिवर को स्वस्थ बनाता है।
शरीर में जमी हुई चर्बी को पिघलाकर वजन कम करने में सहायक होता है।
खांसी, जुखाम और बुखार में बहुत ही फायदेमंद होता है।
चिरायता का काढ़ा कैसे बनाएं? Chirata Ka Kadha Kaise Banae?
चिरायता का काढ़ा अलग-अलग चीजें डालकर बनाई जा सकती हैं और उसके फायदे भी अलग हो सकते हैं।
दो कप पानी, तीन से चार लवंग, 1 इंच दालचीनी, तीन चौथाई चिरायता का पाउडर, एक चौथाई चम्मच हल्दी और गुड़ का आधा टुकड़ा एक साथ मिलाकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना बचे फिर छानकर पी सकते हैं।
1 लीटर पानी में 50 ग्राम की मात्रा में चिरायता डालकर उबालें जब पानी तीन चौथाई रह जाए तो उतार कर छान लें किसी साफ-सुथरी बोतल में भरकर फ्रिज में रख दें और जब भी उपयोग करना हो 5 से 10 मिलीलीटर की मात्रा में कर सकते हैं।
और भी तरीको से चिरायता का काढ़ा बनाया जा सकता है। चलिए बात करते है बुखार में चिरायता पीने के फायदे (Chirata Peene Ke Fayde) के बारे में।
बुखार में चिरायता पीने के फायदे। Bukhar Me Chirata Pine Ke Fayde.
चिरायता का उपयोग ना केवल सामान्य बुखार को ठीक करने में बल्कि टाइफाइड, मलेरिया जैसे बुखार में भी लाभकारी होता है। चिरायता का पानी या काढ़ा बनाकर पीने से टाइफाइड जड़ से खत्म किया जा सकता है। चिरायता में मौजूद एंटीवायरल गुण तीनों तरह के बुखार को सुधारने में फायदेमंद होता है। यदि गर्भवती महिला को टाइफाइड या मलेरिया हो तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही चिरायता का उपयोग करना चाहिए।
शुगर में चिरायता पीने के फायदे। Sugar Me Chirata Pine Ke Fayde.
डायबिटीज में चिरायता बड़ा ही फायदेमंद माना जाता है यह रक्त में शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसका कड़वापन ही सबसे बड़ी औषधि है यह शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाकर शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। नियमित रूप से सेवन करने से डायबिटीज के कारण होने वाले कब्ज की समस्या को छुटकारा दिलाने में सहायक होता है जिससे शुगर नियंत्रित में रहता है।
कुटकी चिरायता पीने के फायदे। Kutki Chirata Peene Ke Fayde.
कुटकी और चिरायता दोनों का सेवन एक साथ करने से दाद- खाज, खुजली, सोरायसिस आदि समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। यह एग्जिमा और शरीर पर पड़े लाल चकत्ते को ठीक करने में फायदेमंद होता है। इसके लिए 4 ग्राम चिरायता और 4 ग्राम कुटकी लेकर एक गिलास पानी में रात भर भिगोकर रख दें सुबह छानकर पानी पी ले। पीने के 2 घंटे तक कुछ ना खाएं इस नुस्खे का उपयोग 2 हफ्ते से 1 महीने तक करने से इन सारी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है।
चिरायता पीने के फायदे तो बहुत सारे हैं चलिए बात करते हैं इसके नुकसान के बारे में।
चिरायता पीने के फायदे और नुकसान। Chirata Pine Ke Fayde Aur Nuksan.
चिरायता पीने के फायदे आप जाने चुके है अब बारी आती है की चिरायता पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं। हर चीज में दो बाते होती हैं एक सही दूसरी गलत वैसे ही चिरायता पीने के फायदे और नुकसान भी है। इसमे कोई संदेह नही है कि चिरायता का उपयोग लंबे समय से औषधि के रूप में किया जा रहा है। किंतु इसके अधिक सेवन से या कुछ जटिल परिस्थितियों में नुकसानदायक हो सकता है। वैसे इंसानों के स्वास्थ्य पर इसका कोई बहुत गंभीर नुकसान नही होता। फिरभी छोटे मोटे नुकसान को जानना जरूरी है।
चिरायता पीने के फायदे और नुकसान (Chirata Pine Ke Fayde Aur Nuksan) दोनो ही जान लिया चलिए बात करते है चिरायता का उपयोग किसको नही करना चाहिए।
Ans- चिरायता शरीर की छोटी-बड़ी कई सारी बीमारियों में काम आता है जैसे- सोरायसिस, एग्जिमा, लीवर, पेट संबंधित, दिमाग के लिए, सूजन, गठिया, बवासीर से लेकर कई बड़ी बीमारियों में भी काम आता है।
Q2- चिरायता कितने दिन पीना चाहिए?
Ans- यह बात रोगी के रोग पर निर्भर करता है जब तक रोग ठीक ना हो तब तक चिरायता का सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर 2 हफ्ते से 1 महीने तक इसके उपयोग की सलाह दी जाती है।
Q3- कुटकी चिरायता पीने से क्या होता है?
Ans- दाद-खाज, खुजली, सोरायसिस, त्वचा पर लाल चकत्ते, एक्जिमा आदि इन सभी में कुटकी और चिरायता पीने के फायदे मिल सकते हैं। चिरायता की तरह कुटकी भी आयुर्वेद की मानी जानी औषधीय है।
Q4- चिरायता पीने के नुकसान
Ans- चिरायता का कोई गंभीर नुकसान नहीं होता फिर भी गर्भवती महिलाओं को, कम रक्तचाप, अल्सर, मधुमेह रोगी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
Q5- चिरायता का काढ़ा पीने से क्या होता है?
Ans- चिरायता का काढ़ा पीने से अनेक फायदे मिलते हैं जैसे त्वचा रोग, लीवर, पेट, खूनी बवासीर, मलेरिया, टाइफाइड, हिचकी, खांसी, जुखाम, रक्त की सफाई, पेट के कीड़े, पेट का दर्द से लेकर कैंसर के सेल्स को मारने तक का काम करता है।
Q6- क्या चिरता लिवर के लिए अच्छा है?
Ans- जी हाँ चिरायता लिवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है यह लीवर को शुद्ध करता है और उसकी कार्य क्षमता को बढ़ाता है तथा लीवर के स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है।
Q7- शुगर में चिरायता का उपयोग कैसे करें?
Ans- शुगर में चिरायता का काढ़ा या चाय बनाकर पिया जा सकता है यह रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। दूसरा चिरायता के चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन किया जा सकता है। तीसरा चिरायता का पानी बनाकर पिया जा सकता है।
Q8- चिरायता का काढ़ा कैसे बनाया जाता है?
Ans- चिरायता का काढ़ा कई तरीकों से बनाया जा सकता है दो कप पानी में 50 ग्राम चिरायता डालकर उबालें पानी आधा रह जाए तो छानकर सेवन करना चाहिए।
Q9- चिरायता की तासीर कैसी होती है?
Ans- चिरायता हिमालय की ठंडी पहाड़ी क्षेत्रों में उगता है और इसकी तासीर भी ठंडी होती है। नेपाल की बर्फीली पहाड़िया चिरायता का मूल उत्पादक है।
Q10- खाली पेट चिरायता पीने से क्या होता है?
Ans- खाली पेट चिरायता पीने के फायदे अनेक है खास तौर पर यह पेट से संबंधित सारी बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकता है अपच, गैस की दिक्कत, पेट में सूजन, पेट के कीड़े और पेट दर्द इसके अलावा वजन घटाने में भी मददगार होता है।
Q11- चिरायता का दूसरा नाम क्या है?
Ans- अलग-अलग भाषाओं में चिरायता का नाम भी अलग अलग होता है वैसे चिरायता का दूसरा नाम चीरेट्टा और किरात है अंग्रेजी में इसे swertia कहा जाता है।
Q12- चिरायता कैसे खाएं?
Ans- चिरायता का चूर्ण बनाकर पानी के साथ लिया जा सकता है या फिर चिरायता का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं। चिरायता का चूर्ण पानी के साथ फाक भी सकते हैं यदि इसकी कड़वाहट आप बर्दाश्त कर पाए।
Q13- चिरायता पीने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
Ans- चिरायता का 3 तरीकों से सेवन किया जा सकता है पहला चिरायता के चूर्ण को पानी के साथ, दूसरा चिरायता का काढ़ा बनाकर, तीसरा चिरायता का पानी बनाकर तीनों ही तरीके फायदेमंद होते हैं।।
Q14- चिरायता का पेड़ कैसे होता है?
Ans- पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाला 2 से 4 फुट लंबा और 1 से 2 साल जीवित रहने वाला पौधा है इसकी छाल और पत्तियां बहुत कड़वी होती हैं इसमें हरे पीले रंग का फूल आता है अगस्त से नवंबर के बीच में फल और फूल आते हैं।
Q15- क्या आप बिना चीनी के चिरायता पी सकते हैं?
Ans- चिरायता का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है यदि आप सहन कर सकते हैं तो बिना चीनी के भी पी सकते हैं। चीनी की जगह पर धागा मिश्री या फिर गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Q16- चिरायता के बीज कैसे होते हैं?
Ans- चिरायता के छोटे-छोटे फल लगते हैं जो आकार में अंडाकार होते हैं और इसके फल के अंदर इनकी बहुत सारी छोटी-छोटी बीज होती हैं।
Note- उम्मीद करता हूं की चिरायता पीने के फायदे (Chirata Pine ke Fayde), चिरायता पीने के फायदे और नुकसान (Chirata Pine Ke Fayde Aur Nusan), किस बीमारी में चिरायता पीने के फायदे हो सकते हैं, किस स्थिति में नुकसान हो सकता है, कुटकी के साथ चिरायता पीने के फायदे इसके अलावा चिरायता पीने के फायदे और नुकसान से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे।
Disclaimer- बेसक चिरायता पीने के फायदे (Chirata Pine Ke Fayde) बहुत सारे हैं लेकिन कुछ स्थितियों में नुकसान कर सकता है। इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है मानव शरीर में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता। फिर भी चिरायता का उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें AYURHEALTHZONE किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।
नमस्कार दोस्तों आयुरहेल्थजोन में आपका स्वागत है इस लेख में हम बताएंगे मात्र 10 से 15 दिनों में खर्राटे बंद करने का घरेलू इलाज (Kharate Band Karne Ke Upay) क्या है? ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि खराटे बेफिक्र होकर चैन की नींद सोने से आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह एक बीमारी है। शरीर में कुछ ऐसी परेशानियां होती हैं, जिसकी वजह से खराटे आते हैं। खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को ये महसूस नहीं होता पर जो भी उसके आसपास सोता है उनकी नींद जरूर खराब होती है। किंतु घबराइए नहीं इस लेख में खर्राटे का घरेलू उपचार (Kharate Rokne Ke Upay In Hindi) बहुत ही आसान शब्दों में बताए गए है।
खर्राटे बंद करने का घरेलू इलाज (Kharate Band Karne Ke Upay) जानने से पहले बात करते हैं आखिर खराटे क्यों आते हैं सोते समय
खर्राटे क्यों आते हैं सोते समय Kharate kyo aate hain
किसी भी इंसान को खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं यह समस्या जरूरी नहीं है कि केवल बड़ी उम्र के लोगों में ही हो ये बच्चों में भी हो सकती है। इसके ये कुछ कारण होते हैं- गले और नाक की मांसपेशियों का कमजोर होना, सांस में दिक्कत होना, सर्दी जुखाम की समस्या, साइनस की दिक्कत, फेफड़ों में ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं पहुंचना, मोटापा के कारण, अधिक मात्रा में धूम्रपान करना आदि खराटे के कारण होते हैं।
तो चलिए देर ना करते हुए बात करते हैं खर्राटे बंद करने का घरेलू इलाज (Kharate Band Karne Ke Upay) क्या है?
खर्राटे बंद करने का घरेलू इलाज। Kharate Band Karne Ke Upay.
खर्राटे लेने की समस्या बुजुर्ग, औरतों यहां तक कि बच्चों में भी हो सकती है और इसके कई कारण भी होते हैं लेकिन आपको इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये इतनी बड़ी समस्या नहीं है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं लेकिन इस लेख में बताए गए नुस्खों की मदद से आप खर्राटे का घरेलू उपचार (Kharate Rokne Ke Upay In Hindi) बड़े ही आसानी से कर सकते हैं।
तो फिर चलिए बात करते हैं खर्राटे का घरेलू उपचार (Kharate Band Karne Ke Upay) क्या है और कैसे कर सकते हैं?
खर्राटे का घरेलू उपचार Kharate Rokne Ke Upay In Hindi
खर्राटे का घरेलू उपचार के लिए यह कुछ नुस्खे हैं इन्हें फॉलो करें फायदा आवश्यक होगा-
— जैसा कि आप जानते हैं खराटे सांस की दिक्कतों की वजह से हो सकता है इसलिए खराटे दूर करने में हल्दी फायदेमंद है यह नाक को साफ कर सांस लेने में मदद करता है। इसके लिए रोजाना रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर पकाएं और फिर पिए। ऐसा करने से खर्राटे लेने की समस्या बहुत जल्द ठीक हो जाएगी।
— खर्राटे की आवाज से छुटकारा पाने के लिए आप लहसुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लहसुन कई बीमारियों में बड़ा ही लाभकारी होता है यह खराटे से भी छुटकारा दिला सकता है इसके लिए रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास हल्के गुनगुने पानी के साथ लहसुन की एक कली चबाकर पानी के साथ निगलने ऐसा करने से खराटे की दिक्कत दूर हो जाएगी।
— यह खराटे की दिक्कत का रामबाण उपाय है अगर आप एक गिलास पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालकर उबालें और फिर उसका सेवन करें तो धीरे-धीरे खर्राटे लेने की समस्या दूर होगी, इसके अलावा जल्दी छुटकारा पाने के लिए हल्के गुनगुने पानी में पुदीना के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर रोजाना गरारे करने से बहुत जल्द आराम मिलता है।
— घी खाने से शरीर को जितनी ताकत मिलती है यह खराटे की समस्या को दूर करने में उतना ही फायदेमंद है घी की मदद से खराटे की समस्या को दूर किया जा सकता है इसके लिए घी खाने की आवश्यकता नहीं है बस आपको आवश्यकता अनुसार घी गर्म कर लें और रोजाना रात को सोने से पहले इसकी कुछ बूंदें अपने नाक में डालें ऐसा करने से जल्द आराम मिलेगा।
— दालचीनी के इस्तेमाल से भी इस समस्या का अंत किया जा सकता है सबसे पहले दो से तीन चम्मच दालचीनी का पाउडर ले उसे एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में अच्छे से मिलाएं और फिर इसका सेवन करें रोजाना लगातार इसका सेवन करने से फायदा जरूर मिलेगा।
— नींद में खर्राटे का इलाज के तौर पर जैतून का तेल का उपयोग किया जा सकता है इससे खराटे की समस्या दूर होती है बस रोजाना रात को सोने से पहले जैतून के तेल की कुछ बूंदे नाक में डालने से खराटे लेने की समस्या से कुछ ही दिनों में छुटकारा पाया जा सकता है।
— इलायची खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ यह शरीर की बीमारियों को ठीक करने में भी उपयोग किया जाता है जैसे सर्दी जुखाम और खांसी के औषधि के रूप में इसके अलावा इलायची श्वसन मार्ग को खोलने में मदद करती है जिससे सांस लेने में आसानी होती है और इस प्रकार खराटे की समस्या दूर होती है इसके लिए रोजाना रात को सोने से आधा घंटा पहले इलायची के कुछ दानों को हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
— खराटे की समस्या दूर करने के लिए सबसे आसान उपाय होता है भाप लेना या नींद में खराटे का इलाज के रूप में किया जाता है। यह बहुत ही आसान और सस्ता उपाय है इसके लिए गर्म पानी का भाप ले इससे सांस लेने में आसानी होती है और खराटे की समस्या दूर होती है।
— दूध से खराटे का इलाज बड़े ही आसानी से किया जा सकता है दूध पीने से शरीर को ताकत, हड्डियों को मजबूती और जरूरी पोषक तत्व शरीर में पहुंचते हैं इसके अलावा खराटे की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना फायदेमंद होता है।
— कई बार खराटे की समस्या गले और नाक में सूजन होने की वजह से होता है ऐसे में शहद फायदेमंद हो सकता है क्योंकि शहद में anti-inflammatory गुण पाया जाता है जो शरीर में सूजन की समस्या को दूर करता है इस प्रकार खराटे से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर रोजाना रात को सोने से पहले पिए।
— आपने सोया मिल्क का नाम तो सुना ही होगा खर्राटे की समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह नुस्खा बड़ा फायदेमंद माना जाता है इसके लिए रोजाना सोया मिल्क का सेवन करना लाभकारी है।
— वैसे तो प्याज का उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन इसका उपयोग आप खराटे की दिक्कत को दूर भगाने के लिए भी कर सकते हैं इसके लिए रोजाना रात को खाने के साथ पकी हुई प्याज का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
तो ये रहे खराटे का घरेलू उपाय इनकी मदद से आप नींद में खर्राटे का इलाज बड़े ही आसानी से घर पर ही कर सकते हैं बात करते हैं खराटे के लिए योगासन के बारे में यानी कौन योगासन करने से खराटे की समस्या दूर होगी।
खर्राटे क्यों आते हैं सोते समय और खराटे बंद करने का घरेलू उपाय तो आपने जान ही लिया नीचे आपको खराटे के लिए योगासन बताए गए हैं जिनकी मदद से आप खराटे की समस्या से छुटकारा बड़े ही आसानी से पा सकते हैं खराटे के लिए योगासन कुछ इस प्रकार है-
— खराटे के लिए योगासन के रूप में भुजंगासन फायदेमंद होता है इसको करने के लिए सबसे पहले शांत जगह पर योगा मैट बिछाए उस पर पेट के बल बिल्कुल सीधा लेट जाएं अब दोनों हाथों की मदद से अपनी छाती को ऊपर उठाएं सिर बिल्कुल सीधा आसमान की ओर रखें ऐसा रोज करने से खराटे की समस्या दूर होती है।
— अनुलोम विलोम करने से सांस की प्रक्रिया में सुधार होता है जिससे खराटे की समस्या दूर हो जाती है इसको करने के लिए सबसे पहले शांत जगह पर पालथी लगाकर बैठ जाएं, रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रखें, एक हाथ को घुटने पर और दूसरे हाथ के अंगूठे को एक नाक पर रखें दूसरी नाक से धीरे-धीरे सांस लें 2 से 3 सेकंड के लिए रोके फिर पहली नाक से सांस को बाहर छोड़ें ऐसा 10 से 12 बार करें।
— ताड़ासन करने से कई बीमारियों की समस्या दूर होती है यह बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए फायदेमंद मानी जाती है इसके अलावा खराटे की समस्या को दूर करने के लिए लाभकारी है। इसे करने के लिए एक शांत जगह पर बिल्कुल सीधा खड़े हो जाएं दोनों पैरों के बीच थोड़ी सी दूरी रखें और पंजे के सहारे ऊपर उठे दोनों हाथों को आपस में फंसा कर सर के ऊपर बिना मोड़े बिल्कुल सीधा रखें इसे 10 से 12 बार करें आराम मिलेगा।
इसलिए क्या बताए गए सभी नुस्खे घरेलू और आयुर्वेदिक हैं इनका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन फिर भी इनकी उपयोग से आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूर लें धन्यवाद
पीले दांत शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं ये आपके दोस्तों या लोगों के बीच शर्म महसूस करा सकते हैं इसलिए इन्हें दूर करना बेहद आवश्यक है। पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए अपनाएं ये तरीके (Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi) आयुर्वेद डॉक्टर ने बताया बहुत ही आसान और घरेलू नुस्खे जिनका उपयोग करने से 1 हफ्ते में ही पीले दांतो से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा इस लेख में बात करेंगे पीले दांतो को साफ कैसे करें, पीले दांत को सफेद कैसे करें, पीले दांतो को कैसे चमकाएं घरेलू नुस्खों की मदद से आदि। नीचे बताए गए नुस्खे इतने आसान और असरदार है इसे कोई भी आसानी से कर सकता है फायदा जरूर नजर आएगा इसलिए लेख को पूरा जरूर पढ़िए।
पीले दांतो को सफेद बनाने के लिए घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi) जानने से पहले बात करते हैं पीले दांतो को कैसे साफ करें (Dato Ko White Kaise Kare).
पीले दांतो को कैसे साफ करें। Dato Ko White Kaise Kare.
अगर बात करे पिले दांतो को कैसे साफ करें तो इसके लिए आयुर्वेद में बहुत ही साधारण उपाय बताए गए हैं आयुर्वेद के अनुसार पीले दांतों को साफ करने के लिए अपनाएं ये तरीके-
दिन में दो बार ब्रश करें–
डॉक्टरों की मानें तो हर खाने के बाद ब्रश करना सही होता है लेकिन ऐसा करना मुमकिन नहीं है इसलिए दिन में कम से कम 2 बार ब्रश जरूर करें। सुबह नाश्ते से पहले और रात को खाना खाने के बाद सोने से पहले यदि कोई चिपचिपा खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट का सेवन किया है तो ब्रश जरूर करें क्योंकि यह दातों में चिपक कर सड़क जैसी दिक्कत पैदा करते हैं।
निम या बबूल का दातुन करें–
नीम एंटीमाइक्रोबियल्स और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है इसलिए इसका दातुन करने से दातों में छुपी बैक्टीरिया मर जाती हैं। मसूड़े मजबूत और खून बहने की समस्या दूर होती है। इसके लिए 10 से 15 सेंटीमीटर लंबी और छोटी अंगुली जितनी मोटी हरी नीम की दातुन ले ब्रश बनाने के लिए एक कोने को चबाएं अब इस ब्रश से अपने दांतों और मसूड़ों को ब्रश करें।
ऑयल पुलिंग(मुह में तेल घुमाना)
आयल पुलिंग का मतलब होता है मुंह में तेल लेकर घुमाना इससे दातों को मजबूती मिलती है, दांतों में छुपी बैक्टीरिया का सफाया होता है, दांत मजबूत और सफेद होते हैं। इसको करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं और मुंह की मांसपेशियों की अच्छी खासी एक्सरसाइज हो जाती है। इसके लिए नारियल, तिल या सरसों का तेल मुंह में लेकर 15 से 20 मिनट के लिए मुंह में घुमाते रहे फिर थूक दे।
रोजाना जीभ अच्छे से साफ करें
जिस प्रकार दांतो की सफाई जरूरी है ठीक उसी प्रकार की जीभ का साफ होना भी जरूरी है इसलिए रोजाना ब्रश करने के बाद कॉपर या stainless-steel स्क्रेपर से जीभ को जरूर साफ करें। ऐसा करने से जीभ पर जमी गंदगी बाहर निकल जाती हैं जिससे कैविटी और बैक्टीरिया का खतरा नहीं होता।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के पानी से कुल्ला करें
आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने मुंह को साफ करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के पानी से कुल्ला करने की सलाह दिया है ऐसा करने से मुंह की स्वच्छता बनी रहती है बैक्टेरिया बाहर निकल जाती हैं, मुंह की बदबू से छुटकारा मिलता है और मुंह के छालों की समस्या नहीं होती। इसके लिए यष्टिमधु और त्रिफला जैसी जड़ी बूटियों का उपयोग किया जा सकता है। त्रिफला या यष्टिमधु को पानी में तब तक उबालें जब तक कि आधा ना रह जाए फिर उतार कर ठंडा कर ले हल्का गुनगुना होने पर कुल्ला करें।
पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए अपनाएं ये तरीके जरूर लाभ होंगे चलिए बात करते हैं पीले दांतो के लिए घरेलू नुस्खों (Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi) के बारे में-
पीले दांतो को सफेद बनाने के लिए घरेलू नुस्खे। Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi.
पीले दांतो को सफेद बनाने के लिए किसी महंगे टूथपेस्ट या एलोपैथिक दवाइयों की जरूरत नहीं है आप घर में रखें इन चीजों की मदद से पीले दांतो को नैचुरली सफेद बना सकते हैं। केवल एक बात का ध्यान रखें कोई भी चीज रातों-रात नहीं होती आपको निरंतर उपयोग और थोड़े धैर्य की आवश्यकता होगी।
चलिए बात करते हैं पीले दांतो को सफेद बनाने के लिए घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi)-
स्ट्रॉबेरीसे पाएसफेद दांत
स्ट्रॉबेरी खाने में जितना स्वादिष्ट होता है ये दांतो के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके उपयोग से मुंह की बदबू, मुंह के छाले और मुंह में छिपे बैक्टीरिया आसानी से बाहर निकल जाती हैं। सफेद दांत पाने के लिए स्ट्रॉबेरी को हल्का कूट लें और इसे 8 से 10 मिनट तक दांतों पर लगाए रखें कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने लगेगा।
बेकिंगसोडा
दांतो को सफेद चमकदार बनाने के लिए बेकिंग सोडा बहुत ही फायदेमंद हो सकता है सबसे पहले बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर हल्का पतला पेस्ट बना ले इसे 4 से 5 मिनट के लिए दांतो पर लगा रहने दे फिर ब्रश पर टूथपेस्ट लगाकर ब्रश करे।
नमक और सरसों का तेल
पिले दांतो को सफेद बनाने के लिए नमक और सरसों का तेल फायदेमंद हो सकता है इससे दांतों में छुपे बैक्टेरिया और मुह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है इसके लिए आवश्यकता अनुसार नमक ले उसमे सरसो के तेल की कुछ बूंदे मिलाए फिर दांतो पर लगाकर ब्रश करे दात सफेद और चमकदार होंगे।
नीम का पाउडर
दांतो में बैक्टीरिया को हटाने के साथ साथ दातो को चमकदार बनाने के लिए नीम का पाउडर गुणकारी होता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबॉयल गुण दांतो में छुपी बैक्टीरिया को मारने का काम करते हैं दांतो को मजबूत तथा दांतों को चमकदार बनाते हैं इसके लिए नीम का पाउडर ले ब्रश की मदद से ब्रश करें इसके अलावा आप नीम का दातुन भी कर सकते हैं।
नींबू का छिलका
सफेद व दांतों को चमकदार बनाने के लिए नींबू का छिलका फायदेमंद हो सकता है इसमें मौजूद विटामिन से दातों में छुपी बैक्टीरिया को बाहर निकालता है और दातों पर जमीन मैल से छुटकारा दिलाता है। इसके लिए हफ्ते में दो बार खाना खाने के बाद नींबू के छिलकों को दांतों पर रगड़े।
केले का छिलका चमकाएंगे दांत
केले के छिलके में मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो दातो को चमकाने में मदद कर सकते हैं इसके लिए एक केले का छिलका टुकड़े में काट लें, एक टुकड़े के अंदर वाले हिस्से को दातों पर 5 मिनट के लिए धीरे-धीरे रगड़ें उसके बाद हल्के गुनगुने पानी से कुल्ला कर ले इस नुस्खे को रोजाना किया जा सकता है।
संतरे के छिलके से पाएं सफेद दात
दांतो को सफेद करने के लिए संतरे का छिलका फायदेमंद है क्योंकि इसमें ब्रोमेलैन एंजाइम होता है यह दांतो को सफेद करने में मदद करता है इसके अलावा इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबॉयल गुण भी होते हैं जो कीटाणु से लड़ने में मदद करता है इसके लिए संतरे के छिलके दांतो पर 5 मिनट तक रगड़े फिर ब्रश करे इसे 1 दिन छोड़कर उपयोग कर सकते हैं।
हाइड्रोजन पेराक्साइड से साफ करें दांत
दांत साफ करने के लिए डॉक्टर हाइड्रोजन पेराक्साइड का इस्तेमाल करते हैं इसे आप घर पर भी कर सकते हैं एक कप गुनगुने पानी में एक कप हाइड्रोजन पेराक्साइड अच्छे से मिलाएं इस पानी से 1 मिनट तक गरारे करें और थूक दे फिर साधारण पानी से गरारे करें ध्यान रहे इस पानी को पीना नहीं है इस नुस्खे को हफ्ते में 2 दिन किया जा सकता है।
चारकोल का पाउडर
चारकोल के पाउडर से ब्रश करने पर भी दांत सफेद हो जाते हैं क्योंकि इसमें गंदगी को अवशोषित करने की क्षमता होती है इसे मसूड़े मजबूत, दांत सफेद, बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। इसके लिए ब्रश को गीला करके चारकोल पाउडर से दांतों को धीरे-धीरे ब्रश करें फिर साधारण पानी से अच्छे से कुल्ला करें इसे हफ्ते में एक से दो बार उपयोग करें।
सेब के सिरके से गरारे करें
सेब के सिरके से पीले दांतो को सफेद किया जा सकता है इसको बनाने के लिए एक 1 कप साधारण पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं सुबह ब्रश करने के पहले इस पानी से गरारे करें। इसमें ऐसा एसिड पाया जाता है जो दातो के पीलेपन को हटाकर दांतों को चमकदार बनाता है, यह दातों को ब्लीच करता है इसे हफ्ते में दो से तीन बार सुबह ब्रश करने से पहले करें।
संतरे के तेल से करें ब्रश
संतरे के तेल में पीले दांतो को सफेद बनाने वाले गुण पाए जाते हैं इसके अलावा इसमें एंटी फंगल गुण भी होता है जो दांत को स्वस्थ रखने में मदद करता है इसके लिए 2 से 3 बूँद संतरे का तेल ब्रश पर लगाएं फिर टूथपेस्ट लगाकर रोजाना की तरह दांतों को ब्रश करें। 1 से 2 हफ्ते लगातार करने से पिले दांत सफेद हो जाएंगे।
अमरूद की पत्तियां
अमरूद की पत्तियों में दांतो को सफेद करने वाले गुण पाए जाते हैं इसके अलावा मसूड़ों की सूजन और दांतो को मजबूत बनाने में फायदेमंद होता है। इसके लिए एक से दो अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर दातों पर धीरे-धीरे रगड़े फिर 2 से 3 मिनट के लिए छोड़ दें और बाद में रोजाना की तरह ब्रश कर ले। ये रोजाना कुछ दिनों तक उपयोग किया जा सकता है।
नारियल का तेल रगड़े दातो पर
नारियल के तेल में एंटीमाइक्रोबियल और एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं यह दातों को पीलेपन से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद है इसके अलावा मुंह की बदबू से छुटकारा दिलाते हैं और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं इसके लिए एक से दो चम्मच नारियल का तेल ले उंगलियों की मदद से दांतों पर धीरे-धीरे रगड़े फिर ब्रश कर ले इस नुस्खे को रोजाना सुबह किया जा सकता है।
नींबू और नमक का पेस्ट
दो चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच सफेद नमक मिलाकर पेस्ट बना लें इस पेस्ट को टूथपेस्ट के रूप में अपने दांतों को ब्रश करें। नींबू का रस दातो पर ब्लीचिंग का काम करता है नमक में एक्सफोलिएट गुड होता है जो दांतों से दाग धब्बे, पीलापन हटाने में मदद करता है इसे हफ्ते में दो से तीन बार करें।
हल्दी पाउडर से ब्रश करें
ये नुस्खा आपको तुरंत परिणाम दिखा सकता है इसके लिए हल्दी पाउडर को अपने दांतों पर ब्रश करें 5 मिनट के लिए छोड़ दें फिर अच्छे से कुल्ला करें और आम टूथपेस्ट से ब्रश करें। हल्दी में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई सारे गुण पाए जाते हैं। ये दातों के पीलेपन को तुरंत हटाने में फायदेमंद है इसके अलावा दातों में बैक्टीरिया है सूजन जैसे कई सारे तकलीफों को दूर करता है
बेकिंग सोडा और नींबू का रस
अपनी रसोई में रखी इन चीजों की मदद से पीले दांतो को सफेद बना सकते हैं इसके लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा में एक से डेढ़ चम्मच नींबू का रस मिलाएं इस पेस्ट को अपने दांतो पर ब्रश की मदद से ब्रश करें फिर 5 मिनट के लिए छोड़ दें उसके बाद अच्छी तरह कुल्ला कर ले। बेकिंग सोडा का खुदरापन दांतो पर जमें पीलेपन को हटाने में बहुत ही फायदेमंद है।
सेंधा नमक से करें ब्रास
एक से दो चम्मच पानी में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाए इसे दांतों को ब्रश करें बचे हुए नमक में और पानी मिलाकर इससे गरारे करें फिर थूक दे उसके बाद साधारण पानी से गरारे करे। इस नुस्खे को हफ्ते में दो से तीन बार करें। सेंधा नमक दांतों पर जमने वाली हल्की पीली परत को हटाने में फायदेमंद है इसके अलावा बैक्टीरिया को भी हटाने में फायदेमंद होती है।
पीले दांतो को सफेद बनाने वाले घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe For White Teeth In Hindi) आप जान चुके हैं चलिए बात करते हैं दांतो को सफेद बनाने वाले आहार कौन-कौन से हैं।
दांतो को सफेद बनाने वाले आहार करने वाले आहार Food For Teeth Whitening In Hindi.
पीले दांतो को सफेद करने के लिए सिर्फ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे ही नहीं बल्कि आपके खान-पान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम बताने जा रहे हैं किन आहारों का सेवन करने से दांत सफेद होंगे और किन आहारों से परहेज करना चाहिए-
इन आहारों का करे सेवन-
— च्विंगम चबाना: जी हां च्विंगम चबाने से दांत सफेद हो सकते हैं क्योंकि इसको चबाने से मुंह में लार बनता है जो दांतो के लिए फायदेमंद है इससे दांतों में जमें खाद्य पदार्थ भी बाहर निकल जाता है।
—फाइबर युक्त फल और सब्जिया: रिसर्च के मुताबिक फाइबर युक्त फल और सब्जियां दांतो के लिए फायदेमंद होते हैं इसे सेवन से मुंह में लार बनता है जो दांतों पर एसिड और एंजाइम के दुष्प्रभाव को कम करते हैं।
—ब्लैक और ग्रीन टी: इन दोनों में पॉलिफिनॉल्स होते हैं ये दातों में बैक्टीरिया को मारते है, दातों के लिए नुकसानदायक एसिड और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं।
—डेयरी प्रोडक्ट: डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही और दूध से बनी अन्य चीजें इनमें अच्छी मात्रा में कैल्शियम और फास्फेट होता है जो दांतो को प्राकृतिक तरीके से सफेद बनाने में मदद करते हैं।
किन आहारों से करें परहेज–
—मुंह को सुखाने वाले पदार्थ: इनसे परहेज करें जैसे शराब दवाइयां या अन्य चीजें इससे मुंह सूख जाता है और दातों पर बुरा असर पड़ता है। दांत कमजोर जल्दी गिरने लग जाते हैं और मुंह से गंदी बदबू आती है।
—स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ: दांतो की सड़न और पीलेपन का कारण बनते हैं जैसे आलू के चिप्स, ब्रेड आदि। इनसे परहेज करें।
—मिठाई और चिपचिपा चॉकलेट: यह दातों में फस कर दांतो को सड़ाने वाले बैक्टीरिया को पैदा करते हैं जिससे दातों में सड़क और कमजोर दांत का कारण बनता है।
चलिए बात करते हैं पीले दांत को सफेद कैसे करें (Dato Ko Safed Kaise Kare) कुछ अन्य तरीकों की मदद से-
पीले दांत को सफेद कैसे करें। Dato Ko Safed Kaise Kare.
पीले दांतों को कैसे चमकाएं–
— सफेद दाग पाने के लिए दिन में कम से कम 2 बार ब्रश जरूर करें। किसी अच्छे टूथपेस्ट से ही ब्रश करें।
— दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून बहना, सूजन होना आदि समस्या होने पर तुरंत डेंटिस्ट की सलाह लें।
— चीनी युक्त आहार का कम से कम सेवन करें।
— ऐसे आहार का सेवन ना करें जिससे मुंह और गला सूख जाए।
लेखक की सलाह
इस लेख में बताएं गए सभी नुस्खे बिल्कुल आयुर्वेदिक और घरेलू है इनका उपयोग आसानी से किया जा सकता है और अच्छा परिणाम भी मिलेगा बस आपको धैर्य और निरंतर उपयोग की आवश्यकता होगी गंभीर परिस्थितियों में डेंटिस्ट की सलाह अवश्य लें धन्यवाद
दोस्तों सर्दियों में त्वचा का फटना आम बात है लेकिन इस लेख में बात करेंगे त्वचा का फटना किस विटामिन की कमी से होता है? क्योंकि कई ऐसे लोग होते हैं जिनकी त्वचा ना केवल सर्दी में बल्कि गर्मी, बरसात सारे मौसम फटती रहती है। ऐसे में उनका सवाल यही होता है कि त्वचा का फटना किस विटामिन की कमी से होता है? तो चलिए जानते हैं-
त्वचा काफटना किस विटामिन की कमी से होता है?
यदि हर मौसम में बार-बार आपकी त्वचा फटती है तो आपके शरीर में कई विटामिनों की कमी हो सकती है वे कुछ इस प्रकार है-
— त्वचा का फटना विटामिन सी की कमी हो सकती है इससे शरीर में कॉलेजन की मात्रा कम हो जाती है जिससे त्वचा फटने लगती है।
— विटामिन B1 थाईमीन, विटामिन B2 राइबोफ्लेविन और विटामिन B3 की कमी से त्वचा फटने की समस्या होती है।
— शरीर में विटामिन ए की कमी से कोलेजन का स्तर कम हो जाता है जिससे त्वचा फटने लगती है।
— सर्दियों में त्वचा फटने का मुख्य कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसके अलावा अन्य कारणों से त्वचा फटने की समस्या होती है।
आयुर्वेद में हर छोटी चीजें अपने आप में कोई ना कोई बड़ा गुण समाए हुए हैं। इस लेख में कलौंजी नहीं बल्कि कलौंजी का तेल पीने के फायदे (Kalonji Ka Tel Ke Fayde In Hindi) के बारे में जानेंगे। कलौंजी के तेल के फायदे और नुकसान क्या है, पीने का तरीका कलौंजी का तेल घर पर कैसे बनाएं, उपयोग करने का तरीका, किस काम में आता है। यह सारी बातें विस्तार से बताई गई हैं इसलिए लेख को बिल्कुल ध्यान से और पूरा जरूर पढ़िए ताकि कलौंजी तेल के फायदे और नुकसान (Kalonji Ka Tel Ka Fayda) पता चल पाएगा और आप इसके तेल का उपयोग सही तरीके से कर पाए।
तो चलिए शुरू करते हैं कलौंजी का तेल पीने के फायदे (Kalonji Ka Tel Ke Fayde In Hindi) जानने से पहले बात करते हैं आखिर कलौंजी है क्या? फिर जानेंगे कलौंजी के तेल के फायदे और नुकसान के बारे में-
कलौंजी क्या है? Kalonji Kya Hai?
कलौंजी एक प्रकार का मसाला है इसका उपयोग खानो में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है इसके अलावा आचार बनाने के लिए उपयोग होता है। कलौंजी के बीच गहरे काले रंग के होते हैं आकार में त्रिकोण और इनका साइज तिल के समान होता है। भारत और एशिया के कई देशों में फसल के रूप में उगाया जाता है खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ इसमें बहुत ही अच्छे औषधि गुण भी मौजूद होते हैं। इसलिए कलौंजी का उपयोग रोगों को दूर करने में किया जाता है।
चलिए बात करते हैं कलौंजी तेल के फायदे और नुकसान के बारे में फिर बात करेंगे कलौंजी का तेल पीने के फायदे (Kalonji Ka Tel Ke Fayde In Hindi) क्या क्या हो सकते है?
कलौंजी तेल के फायदे और नुकसान
बात करें कलौंजी के तेल के फायदे और नुकसान की तो इसमें मौजूद औषधि गुण इसे खास बनाते हैं। कलौंजी में बहुत ही अच्छी मात्रा में फाइबर, विटामिंस, आयरन के अलावा कई तरह के एमिनो एसिड, फैटी एसिड और बहुत से प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कलौंजी का तेल पीने के फायदे इस प्रकार हैं-
कलौंजी का तेल पीने के फायदे। Kalonji Ka Tel Pine Ke Fayde.
— कलौंजी युवाओं और बूढ़े बुजुर्गों में अस्मरण शक्ति को बढ़ाता है इसके लिए कलौंजी के बीज या तेल शहद में मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है। हल्के गुनगुने पानी के साथ भी सेवन किया जा सकता है।
— कमजोर दांत, दांतों से खून बहना या फिर दातों में दर्द हो ऐसे में कलौंजी का सेवन किया जा सकता है।
— कलौंजी का उपयोग बालों के लिए बड़ा ही फायदेमंद होता है बालों का झड़ना रोककर उन्हें मजबूत बनाता है आवश्यकता अनुसार तेल की बूंदे हथेली पर लेकर बालों में लगाए।
— वजन कम करने में कलौंजी का तेल अहम भूमिका निभाता है इसके लिए एक चम्मच शहद, आधा चम्मच कलौंजी का तेल, एक गिलास हल्के गर्म पानी में मिलाकर रोजाना सेवन करें।
— पेट के कीड़ों को मारने के लिए कलौंजी का सेवन फायदेमंद होता है। कीड़ों को मारने के लिए कलौंजी के बीज या तेल का सेवन दिन में दो बार पांच दिन से एक हफ्ता करें राहत मिलेगी।
— कलौंजी बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या से राहत दिलाने में उपयोगी है। रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास हल्के गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
— डायबिटीज की समस्या से छुटकारा दिलाता है ऐसा माना जाता है कि इसके बीजों का सेवन 1 से 2 महीने तक लगातार किया जाए तो डायबिटीज से छुटकारा मिलता है इसके तेल को चाय में मिलाकर भी पी सकते हैं।
— कैंसर के खतरे को कम करने में फायदेमंद है। इसमें मौजूद कई प्रकार के पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ बनाकर इसके खतरे को कम करने में फायदेमंद है। इसके लिए गाय या बकरी के दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करें।
— सर्दी जुखाम जैसे बीमारियों से आसानी से निजात दिलाता है। इसके लिए आप कलौंजी के तेल को हल्के गर्म पानी के साथ या फिर चाय में मिलाकर भी कर सकते हैं।
— इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है इसे चाय या गर्म पानी के साथ सेवन करें।
— अच्छी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होने की वजह से लीवर और किडनी के लिए फायदेमंद है रात को सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल एक गिलास पानी में मिलाएं चुटकी भर काला नमक डालकर पिए।
— कलौंजी त्वचा रोगों जैसे किल, मुंहासे, झाइयां, झुर्रियां आदि में उपयोगी है क्योंकि इसमें मौजूद anti-inflammatory और एंटीमाइक्रोबियल्स गुण होते हैं इसके लिए दो चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर रोजाना रात को चेहरे पर लगाएं चेहरे पर बढ़िया निखार आता है।
— आंखों के रोगों जैसे आंखों में पानी आना, आंखों का लाल होना, आंखों में जलन, आंखों की रोशनी कमजोर होना आदि में कलौंजी का तेल फायदेमंद है इसके लिए एक गिलास गाजर के जूस में एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर रोजाना सेवन करें।
— शरीर में सूजन की समस्या को भी कम करता है इसके लिए आप एक चम्मच कलौंजी के तेल को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।
— पाचन शक्ति को मजबूत बनाने के लिए कलौंजी का तेल पीने के फायदे (Kalonji Ka Tel Ka Fayda) मिल सकते हैं इसके लिए एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच कलौंजी का तेल और चुटकी भर काला नमक डालकर अच्छे से मिलाएं और रोजाना इसका सेवन करें पाचन शक्ति मजबूत होकर पेट साफ होने में मदद मिलेगी।
— ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कलौंजी का तेल बहुत ही फायदेमंद माना जाता है बीपी नियंत्रित करने के लिए एक कप चाय ले उसमें आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर अच्छे से मिलाए और फिर इसका सेवन करें इस नुस्खे को दिन में दो बार करें फायदा अवश्य मिलेगा।
— कलौंजी का तेल जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकते हैं इसके लिए रोजाना रात को सोने से पहले आवश्यकता अनुसार कलौंजी का तेल लेकर जोड़ों पर हल्के हाथों से मालिश करें ऐसा करने से जोड़ों के दर्द कुछ ही दिनों में गायब हो जाएंगे।
— कलौंजी का तेल अस्थमा को ठीक करने में फायदेमंद हो सकता है जैसा कि आपने जाना कलौंजी का तेल शरीर में सूजन कम करने में फायदेमंद है। वही अस्थमा सांस नली में सूजन होने के कारण होती है इसलिए कलौंजी का तेल पीने के फायदे मिल सकते हैं क्योंकि यह शरीर में सूजन को कम करता है।
— कलौंजी का तेल पीना पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकता है यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाकर कब्ज, एसिडिटी जैसी शिकायत दूर करता है पेट बिल्कुल साफ करने के लिए यह नुस्खा फायदेमंद है इसके लिए रोजाना रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास हल्के गर्म पानी में एक चम्मच कलौंजी का तेल एक चुटकी काला नमक मिलाकर पिए।
— कलौंजी का तेल शरीर पर लगे छोटे-मोटे घाव को भरने के लिए फायदेमंद हो सकता है इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होने की वजह से घाव में फैलने वाले वायरस को खत्म करके घाव को जल्दी भरने में मदद करता है इसके लिए आवश्यकता अनुसार कलौंजी का तेल ले घाव वाले स्थान पर लेप करें।
कलौंजी के नुकसान–
— पित्त दोष की समस्या में कलौंजी का उपयोग नुकसानदायक हो सकता है।
— गर्भवती महिलाओं को कलौंजी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
— मासिक धर्म में कलौंजी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
— कलौंजी का सेवन करने से कई लोगों में एलर्जी की समस्या हो सकती है।
ये तो हो गई कलौंजी के तेल के फायदे और नुकसान की बातें चलिए बात करते हैं कलौंजी का तेल पीने का तरीका क्या है?
कलौंजी का तेल पीने का तरीका
कलौंजी का तेल पीने का तरीका बहुत ही आसान है लेकिन कलौंजी का तेल पीने के फायदे कई सारे मिल सकते हैं बस आपको इसकी मात्रा और समय का ध्यान रखना चाहिए। बात करें कलौंजी का तेल पीने का तरीका तो कलौंजी का तेल पीने का सही तरीका ये है।
— रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
— इसके अलावा शहर के साथ चाय में मिलाकर गाय बकरी के दूध में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
आगे पढ़िए कलौंजी का तेल घर पर कैसे बनाएं जो बिल्कुल शुद्ध और मिलावटी ना हो।
कलौंजी का तेल घर पर कैसे बनाएं? Kalonji Ka Tel Kaise Banaye.
कलौंजी का तेल बनाना बहुत ही आसान काम है इसके लिए आपको सिर्फ दो चीजों की आवश्यकता होगी।
— एक बड़ी चम्मच कलौंजी ले उसे अच्छे से पीस लें इसके बाद एयर टाइट ग्लास जार में रखें उसमें 100ml की मात्रा में नारियल का तेल डालें।
— इसे 5 दिनों के लिए धूप में छोड़ दें यह आपका कलौंजी का तेल बनकर तैयार है अब आप इसका उपयोग कर सकते हैं।
बात करते हैं कलौंजी और मेथी का तेल कैसे बनाएं घर पर आसानी से।
कलौंजी और मेथी का तेल कैसे बनाएं
कलौंजी और मेथी का तेल बनाना आसान से भी आसान काम है इसे कोई भी बना सकता है। इसे बनाने के लिए सिर्फ तीन चीजों की आवश्यकता होगी।
— एक बड़ी चम्मच कलौंजी का दाना लें, एक बड़ी चम्मच मेथी दाना ले दोनों को अच्छी तरीके से पीस लें
— इसके बाद एक एयर टाइट ग्लास जार में रखें 100ml की मात्रा में नारियल का तेल डालें इसमें थोड़ा सा अरंडी का तेल मिला सकते हैं।
— इसे अच्छे से बंद करके धूप में कम से कम 5 दिनों के लिए रखें कलौंजी और मेथी का तेल बनकर तैयार है।
कलौंजी का तेल कैसे इस्तेमाल करें?
कलौंजी के तेल का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है। नीचे इस तेल के उपयोग करने के तरीके के बारे में बताया गया है-
कलौंजी के तेल का उपयोग कैसे करें–
— कलौंजी के तेल का उपयोग शहद में मिलाकर किया जा सकता है।
— यदि बालों और त्वचा पर लगाना चाहते हैं तो इस तेल की कुछ बूंदे लेकर अपनी त्वचा और बालों की जड़ों पर लगा सकते हैं।
— कलौंजी के तेल का उपयोग सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
— कलौंजी के तेल का उपयोग खाने की चीजों को फ्राई करने के लिए उपयोग किया जा सकता है जैसे दाल, सब्जी या अन्य खाद्य पदार्थ।
— कलौंजी के तेल का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है इसलिए इसका उपयोग शहद के साथ करना बेहतर होगा।
— इसका उपयोग सलाद में मिलाकर भी किया जा सकता है।
मात्रा- डेढ़ से 3ml की मात्रा में कलौंजी का तेल रोजाना सेवन किया जा सकता है। गंभीर परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कलौंजी का तेल बालों में कैसे लगाएं? Kalonji Ka Tel For Hair
कलौंजी के तेल में मौजूद पोषक तत्व बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। कलौंजी का तेल बालों में कई प्रकार से लगाया जा सकता है जैसे-
— कलौंजी का तेल आप सीधा बालों की जड़ों पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश कर सकते हैं।
— कलौंजी का तेल दूसरे तेल के साथ मिलाकर भी बालों में लगा सकते हैं।
— कलौंजी का तेल नींबू के साथ बालों में लगाने से फायदा मिलता है सबसे पहले नींबू का रस बालों में लगाए 15 मिनट तक रहने दे फिर इसके बाद कलौंजी का तेल लगाकर 30 मिनट या पूरी रात रहने दे।
— कलौंजी और नारियल का तेल ले उसमें मेथी का पाउडर मिलाकर बालों में लगाएं 30 मिनट तक रहने दें फिर शैंपू से धो लें।
इस प्रकार कलौंजी का तेल बालों में लगाया जा सकता है।
कलौंजी और जैतून के तेल के फायदे
कलौंजी और जैतून के तेल बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं बालों को झड़ने से बचाते हैं, इसके साथ कब्ज और पेट से संबंधित सारी समस्याओं में फायदेमंद है, त्वचा संबंधी विकारों में फायदेमंद होते हैं, इसके अलावा हृदय और लीवर संबंधी समस्याओं को खत्म करते हैं।
कलौंजी का तेल किस काम आता है? Kalonji Ka Tel Kis Kaam Aata Hai
अगर बात करें कलौंजी का तेल किस काम आता है तो यह पूछना गलत होगा क्योंकि कलौंजी का तेल के फायदे इतने सारे हैं जितने की इस लेख में भी नहीं बताए गए है। कलौंजी का तेल 50 से ज्यादा बीमारियों को ठीक करने में काम आ सकता है। यह पेट, ह्रदय, लीवर, किडनी, त्वचा, बाल, दर्द, जोड़ों का दर्द, सूजन जैसी बहुत सी बीमारियों में काम आता है।
कलौंजी के तेल का उपयोग यदि सही मात्रा और सही समय पर किया जाए तो यह बिल्कुल सुरक्षित है इसका उपयोग कई बीमारियों में किया जा सकता है। हर किसी की उम्र और शरीर की प्रकृति अलग होती है इसलिए इसका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें धन्यवाद
शरीर में पनपने वाले कई छोटी से बड़ी बीमारियों तक का कारण होता है पेट। इस लेख में पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय (Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar) के बारे में बात करेंगे। पेट साफ ना होना एक ऐसी समस्या है, जिससे छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी परेशान है। बदलती जीवन शैली के कारण यह समस्या आम बात है। इस लेख में पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय (Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar) बताए जाएंगे जो इस समस्या से बहुत जल्द और आसानी से छुटकारा दिलाएंगे। यदि आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो इस लेख को पूरा और ध्यान से जरूर पढ़िए यह फायदेमंद हो सकता है।
क्योंकि इस लेख में 20 से ज्यादा पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय (Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar) बताए गए हैं, पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय जानने से पहले बात करते हैं पेट साफ ना होने के लक्षण (Pet Saaf Na Hone Ke Lakshan) और कारण क्या है?
पेट साफ ना होने के कारण। Pet Saaf Na Hone Ke Karad.
आजकल की बदलती हुई इस जीवनशैली में पेट साफ ना होने के कई कारण हो सकते हैं उनमें से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं जैसे-
— शरीर में पानी की कमी होना
— पौष्टिक आहार लेने के बजाय गलत खानपान करना
— अधिक मात्रा में एल्कोहल और सिगरेट का सेवन करना है
— भोजन के समय में बदलाव करना
— चाय कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करना
— शारीरिक व्यायाम ना करना
— समय पर शौच ना जाना
आदि पेट साफ ना होने के मुख्य कारण है चलिए बात करते हैं पेट साफ ना होने के लक्षण (Pet Saaf Na Hone Ke Lakshan) क्या है?
पेट साफ ना होने के लक्षण। Pet Saaf Na Hone Ke Lakshan.
पेट साफ ना होने के लक्षण (Pet Saaf Na Hone Ke Lakshan) चेहरे पर साफ साफ दिखाई देते हैं। यदि आपका पेट सही से साफ ना हो तो कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। पेट साफ ना होने के लक्षण (Pet Saaf Na Hone Ke Lakshan) कुछ इस प्रकार हैं-
— पेट में हमेशा भारीपन महसूस होना
— खाने का मन नहीं करना भूख कम लगना
— गैस एसिडिटी की समस्या होना
— पेट फूलना और पेट में दर्द होना इसके बड़े लक्षण है
— सांस में बदबू आना और जी मिचलाना
— पाचन तंत्र खराब होना
— मन अशांत और बेचैन रहना
— पेट में हल्की मरोड़े आना
— मल का सख्त हो जाना नियमित रूप से मल शरीर से बाहर ना निकालना
— शौच करते समय जोर लगाना आदि इसके कुछ लक्षण हैं।
अब बात करते हैं उस विषय पर जिसके लिए आप इस लेख पर आए हैं जी हां पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय (Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar) के बारे में-
पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय। Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar.
आयुर्वेद में इस समस्या का बड़ा ही आसान और बहुत ही कारगर नुस्खे बताए गए हैं जो घर पर उपयोग किए जा सकते हैं और यह नुस्खे इतने आसान हैं कि कोई भी आसानी से उपयोग कर सकता है कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होंगे। तो फिर बात करते हैं पेट साफ होने के आयुर्वेदिक उपाय (Pet Saaf Karne Ka Gharelu Upchar) के बारे में-
पेट साफ करने का घरेलु उपाय। Pet Saaf Karne Ka Gharelu Nuskha.
— पेट की सारी समस्याओं को दूर करने के लिए अजवाइन बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है पेट साफ करने के लिए एक चम्मच अजवाइन का चूर्ण, आधा चम्मच अदरक का चूर्ण और एक चम्मच जीरा का चूर्ण तीनों को अच्छे से मिलाकर रोजाना सुबह और शाम खाने के बाद सेवन करने से लाभ मिलता है।
— कच्ची सब्जियां जैसे गाजर, चुकंदर, पालक आदि का जूस पीने से पेट साफ रहता है इसके अलावा शरीर को कई तरह के पोषक तत्व प्रदान करते हैं इसके लिए गाजर चुकंदर या पालक का जूस निकालनकर रोजाना नियमित रूप से सेवन करे। ऐसा करने से पेट साफ रहेगा और पेट से संबंधित अन्य समस्याएं भी दूर होंगी।
— सुबह खाली पेट एक गिलास हल्का गर्म पानी पीना फायदेमंद माना जाता है यह जितना आसान है इसके फायदे उतने ही अच्छे। एक गिलास हल्का गुनगुना पानी ले इसे चाय की तरह बैठकर धीरे-धीरे पिए फिर शौच जाए ऐसा करने से पेट बिल्कुल साफ, पाचन शक्ति मजबूत और गैस एसिडिटी की समस्या भी दूर होंगी।
— पेट साफ होने के आयुर्वेदिक उपाय में दही को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड पेट की सारी समस्याओं को जड़ से खत्म करने में मददगार होते हैं रोजाना 1 कटोरी दही का सेवन करने से पेट साफ होगा इसके अलावा पेट की समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, अपच आदि दूर होगी। इसके लिए एक कटोरी दही खा सकते हैं या फिर खाना के साथ भी ले सकते हैं।
— एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस, दो चम्मच शहद और एक चुटकी नमक तीनों को अच्छे से मिलाकर रोजाना सुबह शौच जाने से पहले पीए, ऐसा करने से पेट में उपस्थित सारे विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं पेट बिल्कुल साफ होता है और पेट से संबंधित सारी परेशानियां भी दूर होते हैं ये उपाय शरीर में बैक्टीरिया को नष्ट करके शरीर को डिटॉक्स करने के लिए फायदेमंद है।
— इसबगोल का सेवन करने से आंतों में पानी के स्तर में वृद्धि होती है इस प्रकार मन सूखने नहीं पाता है जिससे पेट साफ करने में आसानी होती है। इसके लिए एक गिलास हल्के गर्म दूध में एक चम्मच इसबगोल मिलाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें फिर सेवन करें यह आंतों में जमी मल को बाहर निकालने के लिए फायदेमंद नुस्खा है साथ ही साथ गैस, एसिडिटी कब्ज आदि की समस्या भी दूर करता है।
— फाइबर युक्त आहार का सेवन करना पेट के लिए फायदेमंद होता है पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है। गैस, एसिडिटी और दस्त की समस्या से छुटकारा मिलता है पाचन क्रिया मजबूत होने से खाना अच्छे से पचता है और शौच के समय पेट सही से साफ होने में मदद मिलती है। कीवी फल, पपीता, केला, आलूबुखारा, खजूर आदि में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में मौजूद होता है।
— पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के लिए तुलसी का चाय बहुत ही फायदेमंद माना जाता है पेट साफ करने के लिए रामबाण औषधि है इस चाय को बनाने के लिए 5 से 6 तुलसी की पत्तियां ले एक कप पानी में 5 से 10 मिनट तक हल्की आंच पर उबालें इसके बाद उतारकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद मिलाकर धीरे-धीरे पिए।
— मेथी में लैक्सेटिव गुण पाया जाता है यह तत्व मल को पतला कर शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है इसलिए मेथी के दाने पेट साफ करने के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते है। इसके लिए आवश्यकता अनुसार मेथी के दाने को धीमी आंच पर सेक लें। इसका सेवन गुड़ के साथ करने से लाभ मिलता है इसके अलावा इस नुस्खे का फायदा कब्ज एसिडिटी आदि में भी देखा गया है।
— एलोवेरा जेल त्वचा की समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ इसके फायदे पेट की परेशानियों में भी पाए जाते हैं क्योंकि इसमें मौजूद लैक्सेटिव गुण मल को चिकना कर बाहर निकालने में फायदेमंद होते हैं इसके लिए एलोवेरा की पत्तियों को काटकर जूस तैयार कर लें इस जूस को दो चम्मच की मात्रा में एक गिलास पानी में अच्छे से मिलाएं इसके बाद सेवन करें ऐसा करने से पेट बिल्कुल साफ होगा पाचन शक्ति मजबूत होगी इसके अलावा गैस, अपच, एसिडिटी आदि से भी छुटकारा मिलेगा।
— अलसी के बीज पेट की समस्याओं में फायदेमंद माने जाते हैं क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत बनाकर अपच, गैस, एसिडिटी की समस्या को जड़ से खत्म करता है इसके अलावा मल को पतला कर शरीर से बाहर निकालने में अलसी के बीज फायदेमंद हैं। एक चम्मच अलसी के बीजों का चूर्ण रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास हल्के गर्म दूध या गुनगुने पानी में मिलाकर रोजाना सेवन करें।
— नारियल का पानी कई तरह की बीमारियों को दूर करने में बड़ा ही फायदेमंद है इसका सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है नारियल के पानी में कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट आदि मौजूद होते हैं जो शरीर को ताकत देने के अलावा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं इसके सेवन से पेट शांत रहता है और पेट की समस्याएं दूर होते हैं।
— पेट साफ करने के लिए अरंडी का तेल बहुत गुणकारी होता है यह आंतों में जमे मल और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है क्योंकि इसमें मौजूद लैक्सेटिव गुण मल को पतला कर शरीर से बाहर करता है इसके लिए 10ml की मात्रा में अरंडी का तेल और 10ml की मात्रा में नींबू का रस दोनों को आपस में मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करें 20 से 25 मिनट के बाद एक गिलास हल्का गुनगुना पानी पीएं।
— पेट साफ करने के लिए रोजाना एक सेब खाना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है इसके साथ पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर में बीमारियों को दूर करने के अलावा पेट से संबंधित दिक्कतें भी दूर करता है जैसे पेट साफ करना, गैस, एसिडिटी अपच आदि की समस्या से निजाद दिलाता है सेब रोजाना सुबह ऐसे ही खा सकते हैं या जूस निकालकर पिए या फिर दूसरे फलों के साथ सलाद बनाकर खा सकते हैं।
— पेट साफ करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में नमक बहुत ही फायदेमंद माना जाता है एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में आधा चम्मच से कम नमक मिलाकर पानी का सेवन करना लाभकारी है इसके सेवन से पेट साफ होता है खासकर गैस, एसिडिटी, अपच की दिक्कत दूर होती है।
— यदि आधा चम्मच बेकिंग सोडा को हल्के गर्म पानी में मिलाकर पिया जाए तो पेट साफ करने में मदद मिलती हैं एक रिसर्च के अनुसार बेकिंग सोडा को कब्ज से राहत दिलाने में फायदा देखा गया है इसलिए बेकिंग सोडा अपच की समस्या दूर कर पेट साफ रखने में मदद करता है।
— पेट की सारी समस्याओं का रामबाण उपाय है त्रिफला चूर्ण इसका सेवन करने से शरीर में विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं पाचन शक्ति मजबूत होती है कब्ज, गैस, एसिडिटी आदि की समस्या दूर होकर पेट साफ होने में मदद मिलती है। इसका सेवन रात को सोने से पहले एक चम्मच की मात्रा में गर्म दूध या हल्के गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।
— शरीर के शुद्धिकरण के लिए सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद माना जाता है इसके सेवन से ना केवल पेट की समस्याएं हैं बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है शरीर को भरपूर पोषण मिलता है यह आँत की सफाई के लिए उपयोगी है इसके उपयोग से पेट साफ रहता है, गैस, एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
पेट साफ ना होने के नुकसान। Pet Saaf Na Hone Ke Nuksan.
कई बड़ी बीमारियों का कारण होता है पेट इसलिए पेट को साफ रखना बेहद जरूरी है ताकि शरीर रोगमुक्त रहे पेट साफ ना होने के ये कुछ नुकसान है-
— पेट में भारीपन महसूस होना और जलन होना
— भूख ना लगने की समस्या अक्सर होती है
— जी मिचलाना और उल्टियां करना
— मल सूखने से आंतों में घाव और सूजन बन जाना
— छाती में हल्का दर्द और जलन की समस्या।
— बवासीर, भगंदर और फिशर रोगों के होने की अधिक संभावना।
लेखक की सलाह
इसमें बताए गए सभी नुस्खे पेट साफ करने के लिए बेहद कारगर है और इनके कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है बस मात्रा और समय का ध्यान रखें यदि इनके उपयोग से किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो फौरन डॉक्टर की सलाह अवश्य लें धन्यवाद
काले, मोटे, घने और चमकदार बाल स्त्री पुरुष सबकी ख्वाइश है इस लेख हम बताएंगे सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा (Safed Baal Rokne Ke Upay) यानी नुस्खों के बारे में। यकीन मानिए इन नुस्खों का उपयोग करने के बाद आप दोबारा यह नहीं बोलेंगे कि सफेद बाल को काला कैसे करें? क्योंकि इस लेख में 23 से ज्यादा घरेलू नुस्खों के बारे में बताए जाएंगे जो 100% आजमाएं हुए और कारगर नुस्खे इनका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। इसका उपयोग कोई भी घर पर आसानी से कर सकता है इसलिए बने रहिए इस लेख के साथ और जानकारी को बिल्कुल ध्यान से और पूरा जरूर पढ़िए।
सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा यानी नुस्खे जाना नहीं से पहले बात करते हैं सफेद बाल को काला कैसे करें और कारण क्या है
सफेद बाल को काला कैसे करें? Safed Baal Kaise Kala Karen
आजकल बाल सफेद होने की समस्या बहुत आम होती जा रही है इससे ना केवल बूढ़े कम उम्र के बच्चे भी परेशान हैं बालों को सफेद होने से बचाने के लिए सही डाइट और अच्छी जीवनशैली के अलावा कुछ घरेलू उपाय करें तो दोबारा सफेद बालों को काला किया जा सकता है इस लेख में हम बताएंगे सफेद बाल को काला कैसे करें इसके कई घरेलू उपाय जिनको उपयोग करने से गारंटी के साथ सफेद बालों को काला किया जा सकता है
सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा (Safed Baal Rokne Ke Upay) या नुस्खे जानने से पहले बात करते हैं सफेद बाल होने के कारण क्या है?
सफेद बाल होने के कारण क्या है? Safed Baal Hone Ke Karad.
सफेद बालो से केवल बूढ़े ही नहीं कम उम्र के लोग भी परेशान हैं इसके कई कारण हो सकते हैं वह कुछ इस प्रकार हैं-
— शरीर में हारमोंस का असंतुलन होना।
— कई बार यह समस्या आनुवंशिक के कारण होती है।
— केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट का ज्यादा उपयोग करना।
— लंबे समय तक तनाव में रहना या ज्यादा तनाव लेना।
— गलत खानपान करना पौष्टिक चीजें ना लेना।
— अधिक मात्रा में प्रदूषण।
— बेकार क्वालिटी के हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल आदि हो सकते हैं।
चलिए बात करते हैं सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा (Safed Baal Rokne Ke Upay) यानी घरेलू नुस्खों के बारे में-
सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा। Safed Baal Rokne Ke Upay.
इंसानी शरीर में ऐसा कोई भी रोग नहीं जिसका इलाज आयुर्वेद के पास ना हो यकीन मानिए इसमें बताए गए नुस्खों को फॉलो करते हैं तो आपके बाल काले जरूर होंगे और इनका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा (Safed Baal Rokne Ke Upay) यानी नुस्खे के तौर पर इन्हें फॉलो करें-
— आयुर्वेद में सफेद बालों को काला करने के लिए गाय के दूध का मक्खन उपयोगी माना जाता है इसके लिए देसी गाय के दूध से निकला शुद्ध मक्खन रोजाना बालों पर लगाना चाहिए सफेद बालों की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
— गाजर में विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट होने की वजह से आंखों के साथ बालों के लिए फायदेमंद है इसलिए गाजर का जूस डाइट में जरूर शामिल करें इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक पदार्थों को खत्म करता है जिनकी वजह से सफेद बाल की समस्या होती है।
— सफेद बालों को काला करने के लिए नीम का पत्ता उपयोगी है, आवश्यकता के अनुसार नारियल का तेल ले उसमें ताजे साफ नीम का पत्ता डालकर गर्म करें गर्म होने के बाद उतारकर ठंडा कर लें और बालों में हल्के हाथों से मसाज करें 1 घंटे बाद शैंपू से धो लें। हफ्ते में दो बार 1 महीने तक करें सफेद बालों की समस्या जड़ से दूर होगी।
— हम अपनी मिट्टी को मां का दर्जा देते हैं शायद इसीलिए ये मिट्टी हमारे बालों का भी खूब ख्याल रखती हैं सफेद बाल और बालों का झड़ना रोककर बालों को घना, मोटा, चिकना बनाने में काली मिट्टी बहुत ही फायदेमंद है रोजाना नहाने से आधे घंटे पहले काली मिट्टी को गीलाकर बालों में लगाने से सफेद बालों की समस्या दूर होती है।
— आम खाने में जीतना स्वादिष्ट होता है इसकी पत्तियां बालों के लिए उतनी ही फायदेमंद हैं सफेद बालों को काला करने के लिए आम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों पर लगाएं 15 से 20 मिनट के बाद धो लें। इसके अलावा आम की पत्ती और आम के छिलके का पेस्ट बनाकर नारियल के तेल मे मिलाएं इसे डिब्बे में भरकर कई दिनों तक धूप में रखें उसके बाद तेल के रूप में इसका उपयोग करें यह दोनों ही आजमाया हुआ नुस्खा है।
— सफेद बालों की समस्या जड़ से खत्म करने के लिए पपीते का पेस्ट बड़ा ही फायदेमंद है इसके लिए कच्चे पपीते का पेस्ट तैयार करें इस पेस्ट को बालों में लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए लगा रहने दें उसके बाद धो लें ये नुस्खा कुछ ही महीनों में सफेद बालों की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
— बालों की कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए ये नुस्खा बड़ा ही फायदेमंद है इसके लिए कॉफी पाउडर, मेथी पाउडर, मेहंदी पाउडर और आवश्यकता अनुसार दही लेकर पेस्ट तैयार करें इसमें थोड़ा पानी डालकर पतला पेस्ट बनाएं इस पेस्ट को अपने बालों पर लगाएं इससे ना केवल सफेद बालों की समस्या बल्कि अन्य समस्या भी दूर होती है।
— ना केवल सफेद बालों को बल्कि बालों के कई समस्याओं को दूर करने के लिए आंवला बहुत ही फायदेमंद माना जाता है सफेद बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आंवले का पेस्ट तैयार करें इस पेस्ट को बालों में लगाएं सूखने के बाद धो लें सफेद बालों के साथ बालों की अन्य समस्याएं भी दूर करेगा।
— गाजर और तिल का तेल सफेद बालों के लिए रामबाण उपाय है इसके लिए 4 बड़े चम्मच तिल का तेल ले इसमें आधा चम्मच गाजर के बीजों का तेल अच्छे से मिलाएं, इस तेल को बालों की जड़ों में हल्के हाथों से मसाज करें इस नुस्खे से सफेद बाल काले जरूर होंगे।
— भृंगराज और त्रिफला बालों के लिए वरदान माने जाते हैं यह सफेद बालों के अलावा बालों के अन्य समस्याएं दूर कर बालों को मजबूत, घना और चमकदार बनाते हैं। इसके लिए रात को भृंगराज और त्रिफला पानी में मिलाकर रख दें सुबह बाल धोने से एक घंटा पहले इन्हें बालों में लगाएं फिर बाल धो ले।
— आजकल बड़ो के साथ छोटे बच्चे भी सफेद बाल से परेशान हैं ऐसे में योगा फायदेमंद हो सकता है रोजाना अपने दोनों हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़े या फिर योगासन करें जैसे भुजंगासन, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभात आदि।
— प्याज का उपयोग करके सफेद बालों को फिर से काला किया जा सकता है इसके लिए एक प्याज को अच्छे से पीसकर बालों में लगाएं सूख जाने के बाद धो लें ऐसा करने से सफेद बालों की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी, बाल झड़ने बंद होंगे घने, मोटे और चमकदार होंगे।
— बालों को नेचुरल तरीके से काला करने के लिए मेहंदी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है इसको बनाने के लिए इन चीजों की आवश्यकता होगी एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शिकाकाई पाउडर, एक चम्मच आंवला पाउडर, दो चम्मच विनेगर, एक चम्मच मेहंदी, एक चम्मच दही, दो चम्मच काफी पाउडर इसमें पानी मिलाकर पेस्ट बना लें इस पेस्ट को कम से कम 2 घंटे तक ढक कर रखें फिर बालों में लगाएं सूखने के बाद ही बाल धोए। ध्यान रहे बालों में शैंपू दूसरे दिन करे इस नुस्खे को हफ्ते में एक बार जरूर करें।
— विटामिन B12 बालों की हर प्रकार की समस्या को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है इसलिए अपनी डाइट में विटामिन B12 युक्त आहार शामिल करें इसके लिए अवेकड़ो, पनीर, कैनबेरी, संतरे, प्लम आदि जैसी चीजें खा सकते हैं इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन B12 होता है।
— मेथी पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से सफेद बालों की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है उसके लिए आधा चम्मच मेथी का पाउडर ले एक चम्मच नारियल के तेल में मिलाकर बालों में अच्छे से लगाएं आधे घंटे बाद धो ले जल्दी परिणाम देखने के लिए महीने में 6 से 7 बार जरूर लगाएं।
— नारियल के रस को नींबू के तेल में मिलाकर लगाने से बाल काले, घने और चमकदार होते हैं इसके लिए आवश्यकतानुसार नारियल का तेल ले उसमें 2 से 3 चम्मच नींबू का रस मिलाए बालों की जड़ों में लगाकर मसाज करें 1 घंटे बाद किसी अच्छे शैंपू से बाल धोले हफ्ते में दो-तीन बार इसका उपयोग करें।
— बादाम का तेल, नींबू का रस और आंवला का रस तीनों ही बालों की इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बहुत फायदेमंद नुस्खे हैं इसे बनाने के लिए एक चम्मच आंवला का रस, एक चम्मच नींबू का रस और 4 चम्मच बादाम का तेल। चारों को अच्छे से मिलाएं और बालों में लगाकर 3 से 5 मिनट मसाज करें फायदा अवश्य मिलेगा।
— बादाम का तेल बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद है होता है यह तो सभी को पता है सफेद बालों को काला करने के लिए बादाम के तेल में तिल का तेल मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है इससे बाल काले और चमकदार होते हैं।
— स्वस्थ बालों के लिए बायोटीन तत्व आवश्यक होता है इसलिए बायोटीन युक्त चीजों का उपयोग करें इसलिए केवल उन्ही हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें जिसमें बायोटीन का उपयोग किया गया हो इसके अलावा अंडा खाने और बालों में लगाने से फायदा मिलता है।
— चाय पत्ती कम उम्र में सफेद बाल होने की समस्या को प्राकृतिक तरीके से काला बनाने में मदद करती हैं इसके लिए दो चम्मच चाय पत्ती 2 गिलास पानी में उबालें उबलने के बाद 2 घंटे तक ढककर रखें फिर एक स्प्रे बोतल में भरकर रख लें अब इसे अपने बालों में स्प्रे करें फिर 1 घंटे बाद धो ले ध्यान रहे शैंपू ना करें।
— बालों को नेचुरल काला बनाने के लिए तिल बड़ा ही फायदेमंद होता है इसके लिए आप काला या सफेद तिल का उपयोग कर सकते हैं सबसे पहले तिल को पानी में भिगोकर रखें फिर इसे बारीक पीसकर पतला पेस्ट तैयार कर बालों में लगाकर मसाज करें आधे घंटे बाद अच्छे शैंपू से बालों को धोए। इस नुस्खे का उपयोग हफ्ते में एक बार जरूर करें।
— अदरक में वे सारे गुण मौजूद होते हैं जो बालों को पोषण देने के लिए फायदेमंद है इसलिए अदरक को बारीक पेस्ट तैयार करके शहद में मिलाकर बालों में लगाने से बाल काले और चमकदार होते हैं इससे बाल झड़ने की समस्या भी दूर होती है।
तिल के तेल का उपयोग सफेद बालों के लिए।
तिल के तेल का उपयोग सफेद बालों के लिए बड़ा फायदेमंद है काला और सफेद तिल दोनों ही बालों को पोषण प्रदान करते हैं तिल के तेल में बादाम का तेल मिलाकर रोजाना बालों में लगाने से सफेद बाल काले होते है।
नारियल तेल और करी पत्ते सफेद बालों के लिए।
नारियल तेल और कड़ी पत्ते सफेद बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं इनका उपयोग करने से बालों में प्राकृतिक कालापन आता है इसके लिए एक चौथाई कड़ी पत्ता और एक चौथाई का आधा नारियल का तेल इसे हल्की आंच पर गर्म करें। गर्म होने के बाद ठंडा करके बालों में लगाएं इस नुस्खे का उपयोग रोजाना बाल धोने से पहले करने से सफेद बाल वापस काले होने लगते हैं। चलिए जानते हैं आइब्रो के सफेद बाल काले कैसे करें?
आइब्रो के सफेद बाल काले कैसे करें?
अगर बात करे आइब्रो के सफेद बाल काले कैसे करें?- जिस प्रकार सिर के बाल काला करते हैं उसी प्रकार आइब्रो के सफेद बाल को भी काला किया जा सकता है इसके लिए सबसे पहले-
— आंवले का पाउडर ले उसने बादाम तेल के कुछ बूंदे मिलाकर पेस्ट बनाएं इस पेस्ट को आइब्रो पर लगाएं सूखने के बाद धोए।
— कॉफी पाउडर ले उसे पानी मे उबाले इसके बाद ठंडा करें इस पेस्ट को आइब्रो पर लगाएं और सूखने के बाद पानी से धो लें।
— ध्यान रहे आँख में जाए दोनों ही नुस्खे आइब्रो के सफेद बाल को काला करने के लिए गुणकारी है।
दाढ़ी के सफेद बाल होने के कारण। Dadi Me Safed Baal Aana.
दाढ़ी के सफेद बाल होने के कारण बिल्कुल उसी प्रकार है जिस प्रकार सर के बाल सफेद होने के कारण होते हैं फिर भी छोटे शब्दों में बता देता हूं- अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना, हारमोंस का असंतुलन होना, अधिक तनाव लेना, गलत खानपान करना आदि होते हैं। चलिए बात करते हैं दाढ़ी के सफेद बाल को काला कैसे करें?
दाढ़ी के सफेद बाल काले कैसे करें? Dadi Ke Safed Baal Kale Kaise Kare.
दाढ़ी के सफेद बाल को काला कैसे करें?- दाढ़ी के सफेद बालों को काला करने के लिए आप ऊपर बताए गए सारे नुस्खों में से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं सफेद बालों को काला करने के लिए आयुर्वेदिक दवा (Safed Baal Rokne Ke Upay) यानी नुस्खे के रूप में आप इनमें से किसी का भी उपयोग करके चाहे सिर के बाल हो या दाढ़ी के काला किया जा सकता है।
चलिए अब जान लेते हैं, सफेद बाल किस विटामिन की कमी से होते हैं।
सफेद बाल किस विटामिन की कमी से होते हैं?
अगर बात करें सफेद बाल किस विटामिन की कमी से होते हैं? तो वह विटामिन B12 है। यानी विटामिन B12 की कमी होने की वजह से दाढ़ी और सर के बाल सफेद होने लगते हैं। इसलिए अपने आहार में विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करना चाहिए जिससे बाल सफेद होने की समस्या नहीं होगी।
कम उम्र में सफेद बाल क्यों होते हैं?
यह सवाल आजकल बहुत ही प्रचलित है कम उम्र में सफेद बाल क्यों होते हैं? कम उम्र में बाल सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- कोई बीमारी, गलत खानपान, शराब आदि का सेवन करना, हार्मोनल इंबैलेंस, तनाव युक्त रहना, शरीर में पोषक तत्वों की कमी आदि जैसे कई कारण हो सकते हैं।
उम्मीद करता हूं लेख पसंद आया होगा इसमें बताए गए नुस्खों के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है इनका उपयोग कम उम्र के लोग, बूढ़े, औरतें कोई भी कर सकता है फायदा अवश्य मिलेगा यदि इनके उपयोग से कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें धन्यवाद
अक्सर पूछा गया सवाल (FAQ)
Q1- क्या सफेद बालों को काला किया जा सकता है?
Ans- जी हां बिल्कुल किया जा सकता है आयुर्वेद में ऐसे कई प्रकार की जड़ी बूटियां है जिनकी मदद से सफेद बालों को काला किया जा सकता है।
Q2- सफेद बालों को फिर से काला कैसे करें?
Ans- आंवले का पाउडर, ब्राह्मी पाउडर और कड़ी पत्ता तीनों को मिलाकर पेस्ट बना लें इसे बालों में आधा घंटा तक लगा रहने दें फिर धो ले इस प्रकार सफेद बालों को काला किया जा सकता है।
Q3- बिना डाई के बाल काले कैसे किए जा सकते हैं?
Ans- बादाम के तेल में तिल का तेल मिलाकर लगाने से बिना डाई के बाल काले किए जा सकते हैं इसके अलावा आंवला का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बाल काले होते हैं। आप प्याज का पेस्ट बनाकर भी बालों में लगा सकते हैं।
अमरूद खाने में स्वादिष्ट तो हैं ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है लेकिन क्या आप जानते हैं? अमरूद के पत्ते खाने के फायदे (Amrud Ke Patte Khane Ke Fayde) जी हां आपने सही सुना अमरूद के पत्ते खाने के फायदे के बारे में। अमरूद खाने के फायदे तो आपने सुना ही होगा आज हम बताएंगे अमरूद नहीं अमरूद के पत्ते के फायदे के बारे में। अमरूद के पत्ते औषधीय गुणों का खजाना है इसके सेवन से कई बीमारियां चुटकियों में दूर होती हैं। इस लेख में अमरूद के पत्ते के औषधीय गुण, सुबह खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने के फायदे, अमरूद के पत्ते के नुकसान, कब, कितने दिनों और मात्रा में खाना चाहिए आदि जानेंगे।
पहले बात करते हैं अमरूद के पत्ते के औषधि गुण के बारे में फिर जानेंगे अमरूद के पत्ते खाने के फायदे क्या-क्या है?
अमरूद के पत्ते के औषधीय गुण।
बात करें अमरूद के पत्ते के औषधीय गुण के बारे में तो इसमें इतने सारे औषधि गुण मौजूद होते हैं जितना की अन्य फलों और औषधि जड़ी बूटियों में उपस्थित होते हैं। इसके औषधि गुण कुछ इस प्रकार हैं- पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन, फास्फोरस, स्टार्च, कार्बोहाइड्रेट, इसके अलावा एन्टीऑक्सिडेंट, एन्टी इन्फ्लामेट्री, एन्टी बैक्टेरियल और एंटीमाइक्रोबियल्स गुण आदि जो संपूर्ण स्वास्थ्य और कई तरह के बीमारियों से लड़ने में फायदेमंद होते हैं।
तो यह रहे अमरूद के पत्ते के औषधि गुण चलिए बात करते है अमरूद के पत्ते खाने के फायदे (Amrud Ke Patte Khane Ke Fayde) के बारे में-
अमरूद के पत्ते खाने के फायदे। Amrud Ke Patte Khane Ke Fayde.
अमरूद के पत्ते किसी चमत्कारी औषधि से कम नही हैं इसके पत्ते में इतने औषधि गुण मौजूद होते है जो एक दो नही बल्कि ढ़ेरो बीमारियों का नाश करते है और बहुत से बड़ी बीमारीयों को होने से रोकते है। तो चलिए देर ना करते हुए एक एक करके जानते है अमरूद के पत्ते खाने के फायदे (Amrud Ke Patte Khane Ke Fayde)-
1- कोलेस्ट्रॉल
अमरूद के पत्तों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मौजूद हाइपरग्लाइसीमिया तत्व शुगर की उच्च मात्रा को कम करते हैं जिससे कोलेस्ट्रॉल को रोकने में सहायता मिलती है। इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल से होने वाले मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता साथ ही इसमें हाइपोलिपिडेमिक गुड़ भी मौजूद होता है ये शरीर में वसा को कम करने में मदद करता है।
2- पाचन
अमरूद के पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबॉयल गुड पाचन क्रिया सुधारने में फायदेमंद हैं। ये पत्तिया शरीर में एक गैस्ट्रिक एंजाइम बनाती है जो पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं इसके अलावा गैस्ट्रिक अल्सर को कम करने में फायदेमंद हैं इसकी पत्तियों के सेवन से अल्सर की समस्या दूर हो जाती है।
3- डायरिया
अमरूद के पत्तों को डायरिया ठीक करने के लिए फायदेमंद माना जाता है डारिया के इलाज के लिए अमरूद के पत्तों से निकला अर्क फायदेमंद है। हानिकारक बैक्टीरिया के कारण दस्त को खत्म कर सकता है साथ ही इससे होने वाली अन्य बीमारियो से छुटकारा दिलाता है। इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पेट की सारी समस्याओं को खत्म कर शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाते हैं।
4- वजन कम करे
अमरूद की पत्तियों का उपयोग वजन कम करने के लिए भी किया जा सकता है क्योंकि इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करते हैं साथ ही शरीर में कैलोरी और शुगर की मात्रा को भी कम करते हैं जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
5- घाव और इन्फेक्शन
घाव को भरने में अमरूद के पत्ते फायदेमंद हैं क्योंकि इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुड घाव और घाव की वजह से त्वचा के इंफेक्शन से बचाते हैं जिससे घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है इसके लिए अमरूद की पत्तियों का लेप बनाकर घाव वाले स्थान पर लगाना चाहिए।
6- डायबिटीज
अमरूद के पत्तों में एंटी डायबिटीज की मौजूदगी होती है जिसकी वजह से यह रक्त में शर्करा को कम करने में मदद करती है जिससे डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है इन पत्तों के सेवन से वसा की मात्रा को कम किया जा सकता है। अमरूद के पत्ते शरीर में मौजूद शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं जिससे डायबिटीज की समस्या दूर होती है।
7- शुक्राणु बढ़ाएं
अमरूद की पत्तियों के सेवन से शुक्राणुओं में वृद्धि होती है इसके सेवन से पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शुक्राणु पर अच्छा प्रभाव डालते हैं जिससे स्पर्म काउंट बढ़ता है और पुरुषों में प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है।
8- एलर्जी
अमरूद के पत्ते एलर्जी को रोकने में मददगार होते हैं क्योंकि इसमें मौजूद एंटी एलर्जी गुण एलर्जी की समस्या से निजात दिलाने में फायदेमंद होता है यह एंटी एलर्जी गुड शरीर में हानिकारक तत्वों को बनने से रोकता है जिससे होने वाली एलर्जी से राहत मिलती है
9- ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस की समस्या को ठीक करने के लिए अमरूद के पत्ते काफी फायदेमंद हैं क्योंकि इसमें मौजूद एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण इन समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। ब्रोंकाइटिस की वजह से सांस नली में सूजन और जलन होने लगती है ऐसे में एन्टी इन्फ्लामेट्री गुड अस्थमा, खांसी, फंगस और इनके कारण होने वाले रोगों के अलावा ब्रोंकाइटिस से राहत दिलाता है।
10- डेंगू बुखार
अमरूद के पत्ते से डेंगू बुखार का भी इलाज किया जा सकता है इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर में वायरस को रोकने का काम करता है इसके साथ अमरूद के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने से शरीर में डेंगू बुखार के कारण प्लेटलेट्स कि आई कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
11- कील मुहासे और काले धब्बे
चेहरे पर कील मुंहासे और काले धब्बे सुंदरता में बाधा उत्पन्न करते हैं अमरूद के पत्ते इन समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद एन्टी इन्फ्लामेट्री और विटामिन सी अच्छी मात्रा में उपस्थित होते हैं जो कील मुंहासे और काले धब्बे से छुटकारा दिलाते है इसके लिए अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें इसे रोजाना करने से फायदा मिलता है।
12- कैंसर का उपचार
कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों में भी ये पत्ते फायदेमंद माने जाते हैं इसमें एंटी कैंसर गुण भी मौजूद होता है जो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है इसके लिए अमरूद की पत्तियों से बना काढ़ा रोजाना सेवन करने से फायदा मिलता है ये फैफड़ों और पेट के कैंसर से बचाव के साथ-साथ डीएनए और अन्य कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाव करता है।
13- ब्लैकहेड्स को हटाए
अमरूद के पत्ते ना केवल स्वास्थ्य बल्कि त्वचा के लिए भी फायदेमंद हैं ब्लैकहेड्स त्वचा पर आम बात है, अमरूद के पत्ते फायदेमंद हो सकते हैं इसके लिए अमरूद के पत्ते को दर्दरा पीसे ज्यादा बारीक ना हो, इस पेस्ट को रोजाना सुबह और शाम अपने चेहरे पर हल्के हाथों से स्क्रब करें।
14- गले में खराश दांत दर्द और मसूड़े में सूजन
दांत दर्द, मसूड़ों में सूजन और गले में खराश के लिए अमरूद के पत्ते का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल्स और एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण इन समस्याओं से निजाद दिलाने में फायदेमंद हैं। दांत दर्द को ठीक करने के साथ-साथ गले में खराश और मसूड़े में सूजन को भी ठीक करते हैं।।
15- झड़ते बालों के लिए फायदेमंद
अमरूद के पत्ते झड़ते बालों के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं इसके पत्ते का काढ़ा का उपयोग झड़ते बालों के लिए भी किया जा सकता है झड़ते बालों को रोकने के लिए अमरूद की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से बालों में मसाज करें या फिर पानी से बालों को धो सकते हैं ऐसा करने से झड़ते बाल रुक जाएंगे।
16- खुजली से राहत दिलाएं
अमरूद के पत्तों में एंटीमाइक्रोबॉयल, एन्टी इन्फ्लामेट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते है, जो खुजली से राहत दिलाने में काफी फायदेमंद होते हैं इसके लिए आवश्यकता अनुसार अमरूद के पत्तों को बिल्कुल बारीक पीसकर पेस्ट बना लें अब इस पेस्ट को खुजली वाले स्थान पर लेप करें खुजली शांत हो जाएगी।
17- एंटी एजिंग गुणों से भरपूर
आपने ऊपर पढ़ा कि अमरूद के पत्तों में एन्टी इन्फ्लामेट्री, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल्स गुणों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होता है जो त्वचा पर होने वाले इन्फेक्शन, समय से पहले आई झुर्रियों को दूर करने में फायदेमंद हैं इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा पर किसी भी प्रकार की परेशानी को होने से रोकता है।
अमरूद के पत्ते उबालकर पीने के फायदे।
बात करें अमरूद के पत्ते उबालकर पीने के फायदे के बारे में तो ऊपर बताए गए सारी बीमारियों में इसके फायदे मिल सकते हैं यहां तक कि झड़ते हुए बालों को अमरूद की पत्ती को पानी में उबालकर बालों पर मसाज करने से झड़ते बाल रुक जाते हैं इसके अलावा खांसी, दांत दर्द, कैंसर, डेंगू बुखार, ब्रोंकाइटिस, वजन कम, पाचन, कोलेस्ट्रोल, डायबिटीज, डायरिया, घाव और इन्फेक्शन आदि ऐसे कई सारे फायदे हैं।
अमरूद के पत्ते से खांसी का इलाज
अमरूद के पत्ते से खांसी का इलाज करना बहुत ही आसान है। इसके लिए आठ से दस पत्तियां ले दो कप पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना रहे इसके बाद उतारकर छान लें और इसे चाय की तरह रोजाना सेवन करें। इससे ना केवल खासी बल्कि अन्य रोग जैसे कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज गले में खराश, दांत दर्द, मसूड़े की सूजन आदि से छुटकारा दिलाता है।
दांत दर्द में अमरूद के पत्ते।
दांत दर्द में अमरूद के पत्ते बहुत ही लाभकारी माने जाते हैं क्योंकि इसमें मौजूद एन्टी इन्फ्लामेट्री गुण के साथ-साथ एंटीबैक्टीरियल गुण भी मौजूद होता है जो दांत दर्द, जबड़े में सूजन और गले में खराश से छुटकारा दिलाता है इसके लिए अमरूद के पत्तों से बना काढ़े का सेवन कर सकते हैं।
सुबह खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने के फायदे।
बात करें सुबह खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने के फायदे के बारे में तो इसके अनगिनत फायदे मिल सकते हैं इसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी, मैग्नीशियम, ऐसे कई सारे गुण और खनिज पाए जाते हैं जो पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फायदेमंद हैं। सुबह खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने के फायदे कुछ इस प्रकार है-
— पाचन को बेहतर बनाने में फायदेमंद।
— वजन घटाने में फायदेमंद है।
— किसी भी प्रकार की एलर्जी से बचाए।
— कैंसर के खतरे को कम करें।
— पुरुषों में शुक्राणु बढ़ाने में मददगार।
— डायरिया, कोलेस्ट्रोल कई बीमारियों में खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने से फायदे मिलते हैं।
खाली पेट अमरूद के पत्ते खाने के फायदे तो जान लिया अब बात करते हैं अमरूद के पत्ते की चाय कैसे बनती है?
अमरूद के पत्ते की चाय कैसे बनती है?
अमरूद के पत्ते की चाय बनाना बहुत ही आसान है सबसे पहले 3 से 4 ताजी अमरूद की पत्तियां ले उसे साफ पानी से धो लें इसके बाद दो बड़े कप पानी में यह पत्तियां डालकर हल्की आंच पर 10 मिनट के लिए उबालें अच्छे से उबलने के बाद इसे छानकर उपयोग कर सकते हैं। इसमें नींबू निचोड़ कर भी सेवन कर सकते हैं।
अमरूद के पत्ते खाने से क्या होता है?amrud ke patte khane se kya hota hai?
अमरूद के पत्ते खाने से छोटी से लेकर बड़ी कई बीमारियां दूर किया जा सकता है इसके फायदे कैंसर तक के बीमारी में भी मिलता है। अमरूद के पत्ते ना केवल आंतरिक स्वास्थ्य बल्कि यह सौंदर्य को भी सुधारने में मदद करते हैं इसके उपयोग से बाल और त्वचा निरोग होते हैं यदि एक शब्द में कहें तो अमरूद के पत्ते खाने से कई बीमारियां दूर होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
अमरूद के पत्ते कब खाना चाहिए?
अमरूद के पत्ते खाने का सही समय दिन का समय होता है यानी आप दिन में कभी भी खा सकते हैं खासकर सुबह में अमरूद के पत्ते का सेवन या इससे बने काढ़े का सेवन शरीर में अद्भुत फायदे देते है। वैसे आप अमरूद के पत्ते सुबह से लेकर शाम होने से पहले कभी भी खा सकते हैं।
अमरूद के पत्ते कितने दिन खाने चाहिए
अमरूद के पत्ते कितने दिन खाने चाहिए यह बात आपके रोग पर निर्भर करता है वैसे इसका सेवन आप रोजाना सही मात्रा में कर सकते हैं किंतु बेहतर यही होगा कि आप अपने रोग को समझ कर उसके अनुसार इसका सेवन करें या फिर डॉक्टर की सलाह लें।
अमरूद के पत्ते के औषधि गुण और अमरूद की पत्ते खाने के फायदे (Amrud Ke Patte Khane Ke Fayde) तो जान ही लिया चलिए बात करते हैं अमरूद के पत्ते के नुकसान के बारे में-
अमरूद के पत्ते खाने के नुकसान
अमरूद के पत्ते में कई सारे औषधि गुण, पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं इसलिए अमरूद के पत्ते के नुकसान बहुत कम देखने को मिलते हैं बस इसके सेवन की मात्रा को ध्यान रखना चाहिए। अमरूद के पत्ते खाने के फायदे और नुकसान दोनो होते है तो चलिए जानते हैं अमरूद के पत्ते के फायदे और नुकसान।
अमरूद के पत्ते के नुकसान–
— अमरूद की पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्तचप अधिक कम हो सकता है जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है।
— गर्भवती महिलाएं इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अमरूद के पत्तों में अमरूद से ज्यादा औषधि गुण और पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में फायदेमंद है यदि इसके पत्तों के सेवन से किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही उपयोग करें धन्यवाद